वो 6 बयान जिनके कारण केसी त्यागी विवादों में घिरे और देना पड़ा इस्तीफा; नीतीश कुमार ने फेरा मुंह​

 KC Tyagi controversial statements : केसी त्यागी का अचानक राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा भले ही आज आया, लेकिन इसकी सुगबुगाहट काफी दिनों से थी. जानें क्यों देना पड़ा उन्हें इस्तीफा…

Bihar News : केसी त्यागी (KC Tyagi) को समाजवादी नेता के तौर पर जाना जाता है. आम तौर पर शांत स्वभाव के जदयू (JDU) नेता केसी त्यागी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, वो पार्टी के सलाहकार बने हुए हैं. जदयू और केसी त्यागी की तरफ से बताया गया है कि निजी कारणों की वजह से इस्तीफा दिया गया है. ऐसे में केसी त्यागी के वो 6 बयान चर्चा में हैं, जिन पर जमकर विवाद हुआ था और वे विवादों में आ गए थे.   

24 मई 2024 को एनडीटीवी से केसी त्यागी ने कहा कि दिल्ली शराब घोटाले का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. केजरीवाल दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में इस पर कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. वहीं चुनाव आयोग की ओर से वोटिंग प्रतिशत जारी होने में हो रही देरी पर कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. चुनाव आयोग को अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए.1 अगस्त 2024 को क्रीमी लेयर पर केसी त्यागी ने एबीपी न्यूज से कहा कि ये मांग तो हमारी थी. अगला हमारा स्टैंड ये हैं 9वीं सूची में आरक्षण को लागू किया जाए. अदालतों में भी आरक्षण लागू हो.  6 जून 2024 को केसी त्यागी ने पत्रकारों से कहा कि बीजेपी को बिना शर्त सपोर्ट है, लेकिन बिहार को विशेष राज्य दर्जा मिले और अग्निवीर योजना की समीक्षा हो.8 जून 2024 को केसी त्यागी ने फिर पत्रकारों से कहा कि  इंडिया ब्लॉक की तरफ से नीतीश कुमार को पीएम पद ऑफर मिला था, मगर उन्होंने ठुकरा दिया.20 अगस्त को इंडियन एक्सप्रेस से लेटरल एंट्री पर केसी त्यागी ने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही सरकार से आरक्षित सीटों को भरने की बात कहती रही है. हम राम मनोहर लोहिया को मानते हैं. जब लोगों को सदियों से समाज में पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा तो आप मेरिट क्यों ढूंढ रहे हैं. सरकार का यह आदेश गंभीर चिंता का विषय है.25 अगस्त 2024 को केसी त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार को इजरायल की मदद नहीं करनी चाहिए और हमास के खिलाफ युद्ध के लिए भारत द्वारा इजरायली सेना को दी जा रही सैन्य मदद को भी रोक देनी चाहिए. इस संबंध में उन्होंने विपक्ष नेताओं के साथ एक लेटर पर भी साइन किया था.

नीतीश कुमार ने क्यों फेरा मुंह?

माना जा रहा है कि इसी लेटर पर साइन करना केसी त्यागी को भारी पड़ा. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) फिलहाल ऐसा लगता है कि भाजपा के साथ बेहद संतुष्ट हैं. उन्हें जो चाहिए, वो सब केंद्र सरकार की तरफ से मिल रहा है. साथ ही 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव भी है. ऐसे में नीतीश कुमार भाजपा के साथ ही इस चुनाव में जाना चाहते हैं. केसी त्यागी के इन बयानों से कई बार गफलत हो जा रही थी कि नीतीश कुमार तो कहीं केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर रहे. इस बाबत कई बार केसी त्यागी को समझाने की बात भी चर्चा में है. मगर इजरायल पर दिए बयान ने भाजपा और केंद्र सरकार को कटघरे में ला दिया. साथ ही विपक्षी दलों के लेटर पर साइन कर केसी त्यागी ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी. इसके बाद नीतीश कुमार ने भी केसी त्यागी से मुंह फेर लिया.

सीधे नीतीश कुमार का है फैसला

माननीय मुख्यमंत्री सह जनता दल (यू0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @NitishKumar जी द्वारा श्री @RajivRanjanJDU जी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।

इस अहम जिम्मेदारी के लिए उन्हें जनता दल (यूनाइटेड) परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।#JDU #NitishKumarpic.twitter.com/CAz4RlPMno

— Janata Dal (United) (@Jduonline) September 1, 2024

केसी त्यागी के इस्तीफे का कारण भले ही गोलमोल हो, लेकिन जदयू ने जो लिखित बयान जारी किया है उसमें साफ लिखा है कि मुख्यमंत्री सह जदयू का यह फैसला है. साफ जाहिर है कि नीतीश कुमार ने ये बताने से गुरेज नहीं किया कि पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने वालों पर वो कार्रवाई से नहीं हिचकेंगे.  वहीं इस्तीफे की घोषणा के बाद केसी त्यागी ने कहा कि वो जदयू में ही बने रहेंगे और पार्टी कभी नहीं छोड़ेंगे.

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