पीएम मोदी 21 फरवरी को दिल्ली के विज्ञान भवन में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे, इसी को लेकर शरद पवार ने 11 मार्च को चिट्ठी लिखी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की है. इसके साथ ही इस चिट्ठी में शरद पवार ने उनसे मराठा योद्धाओं पेशवा बाजीराव प्रथम, महादजी शिंदे और सूबेदार मल्हारराव होलकर की घुड़सवारी मूर्तियां लगाने का अनुरोध भी किया. दरअसल पीएम मोदी 21 फरवरी को दिल्ली के विज्ञान भवन में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे, इसी को लेकर शरद पवार ने 11 मार्च को चिट्ठी लिखी.
शरद पवार ने क्या कुछ लिखा
पीएम मोदी को लिखी इस चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा, “मैं आपका बहुत आभारी हूं कि आपने 21 फरवरी 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के मेरे अनुरोध को विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया. सरहद पुणे और अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल द्वारा आयोजित इस साहित्यिक उत्सव को आपके नेतृत्व में ऐतिहासिक महत्व प्राप्त हुआ. आपके ज्ञानवर्धक भाषण ने दुनिया भर के मराठी लोगों को प्रभावित किया. उद्घाटन समारोह के दौरान मेरे प्रति अपने विशेष स्नेह को प्रदर्शित करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं.”

पेशवा बाजीराव-1, महादजी शिंदे और सूबेदार मल्हारराव होलकर की प्रतिमा की मांग
उन्होंने आगे चिट्ठी में लिखा, “सम्मेलन का स्थल तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. यह वही स्थान है जहां कभी पेशवा बाजीराव प्रथम, महादजी शिंदे और सूबेदार मल्हारराव होलकर ने डेरा डाला था, उनकी विरासत हमारे देश के इतिहास में दर्ज है.
इसे देखते हुए, सरहद पुणे ने शुरू में इस स्थान पर इन महान योद्धाओं की प्रतिमाएं स्थापित करने का प्रस्ताव रखा. हालांकि, कई साहित्यिक हस्तियों और शुभचिंतकों ने यह भावना व्यक्त की है कि पूर्ण आकार की घुड़सवारी मूर्तियां उनकी वीरता और योगदान के लिए अधिक उपयुक्त श्रद्धांजलि होंगी.
शरद पवार ने लिखा, “तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप दिल्ली सरकार और एनडीएमसी को पूर्ण आकार की (पेशवा बाजीराव प्रथम, महादजी शिंदे और सूबेदार मल्हारराव होलकर) घुड़सवारी प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान करने का निर्देश दें.
आपका नेतृत्व हमेशा भारत के गौरवशाली अतीत को सम्मान देने और संरक्षित करने में सहायक रहा है. हम आपके दयालु विचार और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.”
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