March 1, 2025
शहरी कामगारों की सामाजिक आर्थिक उन्नति के लिए सरकार एक योजना लेकर आएगीः सीतारमण

शहरी कामगारों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए सरकार एक योजना लेकर आएगीः सीतारमण​

केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना लागू की जाएगी. उनके योगदान को मान्यता देते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनके पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी.

केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना लागू की जाएगी. उनके योगदान को मान्यता देते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनके पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान जिस तरह से मीडिल क्लास और खासकर शहरी गरीबों की आय बढ़ाने पर जोर देने की बात कही हैं, उससे महाकुंभ से वायरल हुई मोनालिसा जैसी कामगारों को खासा फायदा होगा. ये बजट मोनालिसा और उन जैसे लाखों कामगारों के लिए वरदान की तरह साबित हुआ है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि हमारी सरकार शहरी कामगारों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए एक योजना लेकर आएगी. शहरी गरीबों की आय बढाई जाएगी. सरकार की इसपर नजर है. शहरी वर्कर्स के लिए स्कीम लाई जाएगी.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों के लिए ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ को नया रूप दिया जाएगा. इसके तहत बैंकों और यूपीआई से जुड़े क्रेडिट कार्ड से ऋण की सीमा बढ़ाकर 30,000 रुपये की जाएगी.

68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ

सीतारमण ने लोकसभा में लगातार आठवां बजट पेश करते हुए कहा कि इस योजना से अनौपचारिक क्षेत्र के उच्च ब्याज वाले ऋणों से राहत के माध्यम से 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘ इस सफलता के आधार पर इस योजना को नया रूप दिया जाएगा और बैंकों बैंकों और यूपीआई से जुड़े क्रेडिट कार्ड से ऋण की सीमा बढ़ाकर 30,000 रुपये की जाएगी.” पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) रेहड़ी-पटरी वालों को किफायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष सुविधा है.

केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना लागू की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘ ऑनलाइन मंच के ‘गिग’ वर्कर ‘न्यू एज’ सेवा अर्थव्यवस्था को बहुत गतिशीलता प्रदान करते हैं. उनके योगदान को मान्यता देते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनके पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी.”

स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी

सीतारमण ने कहा कि ऐसे श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और इस उपाय से करीब एक करोड़ श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है. सरकार अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में ‘डेकेयर’ कैंसर केंद्रों की स्थापना की सुविधा भी प्रदान करेगी.

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