मंडी की इस मस्जिद को लेकर आज नगर निगम आयुक्त की कोर्ट को सुनाना था फैसला. बीते 14 सालों से इस मस्जिद आयुक्त कोर्ट में फैसला लंबित है.
शिमला की मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शनों का दौर थमा भी नहीं था कि हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी एक मस्जिद को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. मंडी के जेल रोड पर बने इस मस्जिद में अवैध निर्माण की शिकायत को लेकर लोगों ने मंडी में प्रदर्शन किया, इस प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.मंडी से एनडीटीवी संवाददाता वीडी शर्मा ने बताया कि सदर मार्केट में बनी मस्जिद को लेकर शुक्रवार सुबह से ही विरोध प्रदर्शन किया गया जा रहा था. हालांकि, मस्जिद के इमाम ने पहले ही प्रशासन को बता दिया था कि जो भी अवैध कब्जा हुआ है मस्जिद के अंदर वो हम खुद तोड़ रहे हैं. और उन्होंने ऐसा किया भी है. लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये मस्जिद पूरी तरह से अवैध है इसे तोड़कर हटा देना चाहिए.
आपको बता दें कि शिमला में विवाद होने के बाद मंडी में मस्जिद को लेकर मामला उठा. इस मस्जिद को लेकर कोर्ट में भी मामला चल रहा है. लोगों का कहना है कि ये पूरी मस्जिद ही अवैध है जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस मस्जिद का कुछ ही हिस्सा ही अवैध है. जिसे वो गिराने के लिए तैयार हैं. इस मस्जिद के इस हिस्से को जो अवैध था उसे मुस्लिम समुदाय के लोग गिरा भी चुके हैं.
“हमें हिमाचल की शांति और सोहाद्र के बारे में सोचना चाहिए”
उधर, मस्जिद को लेकर हो रहे विवाद के बीच सूबे के मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ये बेहद संवेदनशील मामला है. हमे हिमाचल के सोहाद्र के लिए हिमाचल की शांति के लिए आगे बढ़कर काम करना चाहिए.मस्जिद विवाद को लेकर हम कमेटी बनाएंगे. कमेटी ही इसकी जांच करेगी. ऐसे मौके पर कोई भावनात्मक बातें ना करे. इस तरह के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.
नगर निगम आयुक्त के पास है मामला
मंडी की मस्जिद का मामला फिलहाल नगर निगम आयुक्त के पास है.मंडी शहर के जेल रोड में मस्जिद के अवैध निर्माण पर आयुक्त जल्द ही कोई बड़ा फैसला सुना सकते हैं.मंडी की इस मस्जिद में अवैध निर्माण की जांच करने को लेकर छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट नगर निगम आयुक्त को सौंप दी है.
आपको बता दें कि मंडी की मस्जिद विवाद को लेकर कोर्ट ने मुस्लिम वेलफेयर कमिटी को संबंधित निर्माण कार्य से जुड़ा NOC और नक्शा पेश करने के लिए कहा था. लेकिन वेलफेयर कमिटी ना तो NOC पेश कर पाई और ना ही नक्खा दिखा पाई. इस मामले में अब सभी संगठनों को 13 सितंबर को नगर निगम कार्यालय आने को कहा गया है.
14 साल से पेंडिंग है ये मामला
मंडी की मस्जिद में कराया गया निर्माण कार्य वैध या अवैध इसे लेकर 13 सितंबर को फैसला आने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि नगर निगम आयुक्त इस मामले में शुक्रवार को कोई बड़ा फैसला सुना सकते हैं. हालांकि, ये बात भी अहम है कि इस मामले में बीते 14 साल से कोई फैसला नहीं आया है. नगर निगम की आयुक्त की अदालत में ही यह मामला पेंडिंग है. ऐसे में ये देखना बेहद दिलचस्प होगा कि क्या शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त इस मामले में फैसला सुनाते हैं या पहले की तरफ ही इस मामले में एक और तारीख दी जाती है.
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