शिमला के बाद दूसरे जिलों में भी फैली मस्जिद विवाद की आग, कई जगह निकली रैलियां, बंद रहे बाजार​

 हिमाचल प्रदेश में अवैध मस्जिदों के आरोप में लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन शिमला से निकलकर अब राज्‍य के 5 जिलेां तक पहुंच चुका है. (शिमला से वीडी शर्मा की रिपोर्ट)

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला में मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद (Masjid Controversy) अन्‍य जिलों तक पहुंच चुका है. मस्जिदों के अवैध निर्माण के आरोप में प्रदेश के 5 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया गया. शिमला से सटे सुन्नी, बिलासपुर, हमीरपुर, सिरमौर जिले के पांवटा साहिब और मंडी के सुंदरनगर में हिंदू संगठनों ने शनिवार को आक्रोश रैली निकाली. यह संगठन शिमला के संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिस लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों का पुलिस वैरिफिकेशन हो और उनके कामकाज पर नजर रखी जाए.

इस प्रदर्शन के समर्थन में प्रदेश के सभी बाजारों को दो घंटे तक बंद रखा गया. प्रदर्शन को देखते हुए पूरे राज्य में मस्जिदों और मुस्लिम आबादी वाले इलाकों के बाहर पुलिस की तैनात की गई. 

शिमला के सुन्नी बाजार में प्रदर्शनकारियों ने तालियां बजाकर विरोध जताया तो सिरमौर के पांवटा साहिब में आक्रोश रैली निकाली गई. बिलासपुर के घुमारवीं बाजार में प्रदर्शन किया गया तो हमीरपुर जिला मुख्यालय में हिंदू संगठन और व्यापार मंडल के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. 

शिमला का संजौली मस्जिद विवाद

यह विवाद शिमला में स्थानीय युवक की पिटाई से शुरू हुआ. शिमला में 31 अगस्त की शाम को मल्याणा गांव में एक स्थानीय व्यक्ति की पिटाई कर दी गई. आरोप लगे कि मुस्लिम समुदाय के 6 लोगों ने उसे पीटा है. मारपीट के बाद आरोपी शिमला की संजौली मस्जिद में छुप गए. स्थानीय लोगों ने अगले ही दिन यानी एक सितंबर को संजौली में मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया. आरोप लगाया कि 5 मंजिला मस्जिद के 3 फ्लोर अवैध हैं. टॉप फ्लोर पर आने वाले उनके घरों में तांका-झांकी करते हैं. 

लोगों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए इसे तोड़ने की मांग की. स्थानीय लोगों का आरोप है कि संजौली में बनी मस्जिद अवैध है. इसे तोड़ा जाए. 5 सितंबर को संजौली और विधानसभा चौड़ा मैदान में प्रदर्शन हुआ. इसी दिन शाम को शिमला के कसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया. फिर बुधवार को शिमला में हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग किया. 

शिमला के संजौली में 2010 से पहले दो मंजिला कच्ची मस्जिद थी. 2010 के बाद तीन मंजिला अवैध निर्माण हुआ था. शिमला नगर निगम के कमिश्नर ने 35 बार मस्जिद कमेटी को नोटिस भी दिए. 2010 से 2024 तक नगर निगम कमिश्नर के पास 45 बार पेशी हो चुकी है. 

इस मामले में 11 सितम्बर को पुलिस ने हिंदू समुदाय के हजारों लोगों के खिलाफ लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्‍तेमाल किया. 12 सितम्बर को संजौली मस्जिद के इमाम और मुस्लिम पक्ष ने खुद अवैध तोड़ने की बात कही: संजौली-ढली में हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. यह मामला निगम आयुक्त के कोर्ट में भी चल रहा है. संजौली मस्जिद की 3 मंजिल अवैध बताई जा रही हैं. इसके बाद संजौली मस्जिद के इमाम और मुस्लिम पक्ष ने नगर निगम के कमिश्‍नर को लिखकर कहा कि अगर कोर्ट आदेश देता है तो वे खुद तीन फ्लोर तोड़ देंगे, तब तक मस्जिद के 3 फ्लोर सील कर दिए जाएं. 

मंडी में भी मस्जिद विवाद, कोर्ट में है मामला

मंडी के जेल रोड पर बनी एक मस्जिद में अवैध निर्माण पर भी विवाद है. स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे. बाद में मामला नगर निगम आयुक्त कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने 13 सितंबर को मस्जिद के ऊपर के 2 फ्लोर को अवैध करार दिया और इसे तोड़ने के लिए 30 दिन का समय दिया. मस्जिद की बाउंड्री भी पीडब्‍ल्‍यूडी की जमीन पर बनी है. विवाद बढ़ने पर मुस्लिम समुदाय ने दीवार के एक हिस्‍से को खुद तोड़ना शुरू कर दिया है, लेकिन हिन्दू समुदाय और प्रदर्शनकारी इसे पूरी तरह से तोड़ने की मांग कर रहे हैं.

यह जमीन 70 साल पहले  किसी मुस्लिम महिला के नाम थी. हालांकि जांच हुई तो जमीन कुछ सरकारी निकली. नक्शा पास नहीं था, इसलिए नगर निगम ने जून 2024 में निर्माण कार्य रुकवाया. इसे लेकर निगम अफसरों ने कमिश्नर कोर्ट में केस किया है. मंडी में मस्जिद की दो अवैध मंजिल तोड़ने का आदेश दिया है. इसके लिए नगर निगम कमिश्नर को कोर्ट ने 30 दिन का समय दिया है. 

शिमला के सुन्नी में मस्जिद विवाद, निकाली रोष रैली

शिमला जिला के सुन्नी में कथित अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हैं. लोगों ने सुन्नी बाजार में रोष रैली निकाली और कथित अवैध मस्जिद के निर्माण की जांच और इसे गिराने की मांग की. लोगों का कहना है कि सुन्नी में प्राचीन काली माता मंदिर के 200 मीटर नजदीक मस्जिद बनाईं गई है और यह अवैध है. उन्‍होंने कहा कि मंदिर डेढ़ सौ साल पुराना है, ऐसे में हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची है, इसलिए मस्जिद को गिराया जाए. मंदिर के 200 मीटर के दायरे में मस्जिद बनाईं ही नहीं जा सकती है.

मस्जिद के विरोध में आज लोगों ने धरना प्रदर्शन किया, रोष रैली निकाली और बाजार बंद रखे. लोगों ने बताया कि पहले घर बनाया गया, फिर उसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया जबकि कानूनन मंदिर के दो सौ मीटर तक मस्जिद बनाई ही नही जा सकती है. 

कुल्‍लू में लोगों का विरोध प्रदर्शन, लगे जय श्रीराम के नारे

शिमला से शुरू हुआ विवाद मस्जिद विवाद मामले की भड़की आग की आंच अब कुल्लू जिले तक पहुंच गई है. शनिवार (14 सितंबर) को कुल्लू के अखाड़ा बाजार में लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर कहा कि मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है और यह क्षेत्र में अतिक्रमण का हिस्सा है. विरोध करने वाले लोगों ने प्रशासन से इस अवैध निर्माण को तुरंत हटाने की मांग की है. 

कांगड़ा जिला के पालमपुर उपमंडल में मस्जिदों में अवैध निर्माण और विशेष समुदाय के लोगों की बढ़ रही तादाद को देख हिंदू संगठनों के आह्वान पर लोगों ने शहर में विरोध-प्रदर्शन किया और रैली निकाली. इस दौरान जय श्री राम के नारे भी लगते रहे. विरोध प्रदर्शन में बाहरी राज्यों से आने वाले विशेष समुदाय के लोगों के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखा गया. हिंदू संगठनों के आह्वान पर पालमपुर में आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. 

पांवटा साहिब में बाजार बंद रखकर लोगों ने जताया गुस्‍सा

पांवटा साहिब में संजौली और मंडी में अवैध निर्माण के विरोध में बाजार बंद कर लोगों ने रोष रैली निकाली. हिन्दू संगठनों ने स्थानीय व्यापार मंडल के साथ मिलकर पांवटा साहिब शहर के बाजार को पूरी तरह बंद करवा दिया. मस्जिद निर्माण के मुद्दे को लेकर क्षेत्र में पहले से ही तनाव बना हुआ था, लेकिन हिंदू संगठनों की शनिवार की कार्रवाई ने इसे और बढ़ा दिया. इस दौरान पावटा में सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर अढ़ाई बजे तक सभी छोटे और बड़े व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

हिंदू संगठनों ने वाल्मीकि चौक से एसडीएम कार्यालय तक एक बड़ी रोष रैली का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए. हिंदू संगठनों और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मस्जिद का निर्माण न केवल अवैध है, बल्कि यह स्थानीय, धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करे और अवैध मस्जिद के निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाए. 

घुमारवीं  में सरकारी जगह पर मस्जिद बनाने का आरोप

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भी मस्जिद के अवैध निर्माण का आरोप बिलासपुर के घुमारवीं में लगाया गया है. हिन्दू जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि घुमारवीं के बड्डू मुहल्ले में मस्जिद सरकारी जगह पर बनाई जा रही है, इसके लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है. नगर परिषद ने इस मामले में अनभिज्ञता जताई है.

घुमारवीं में हिन्दू जागरण मंच पदाधिकारी विशाल नड्डा ने इस मामले में कहा कि इस मस्जिद का मौलवी सहारनपुर का रहने वाला है. वह यहां पर मजदूर लाकर इस मस्जिद का निर्माण करवा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर मस्जिद बन रही है, उसमें से संभवतः एक छोटा हिस्सा ही उनका खुद का है, बाक़ी जमीन सरकारी है. 
 

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