झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना में कोई अपराधिक षड्यंत्र या साजिश नहीं का मामला सामने नहीं आया है, जिसकी वजह से अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. झांसी कमिश्नर और DIG की कमेटी ने घटना के समय मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की है.
Jhansi Fire Case: झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में मरने वाले बच्चों की संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है. इसकी जानकारी डीएम अविनाश कुमार द्वारा दी गई है. बता दें कि इस अग्निकांड में मुख्यमंत्री को भेजी जाने वाली रिपोर्ट के पॉइंट्स सामने आ गए हैं. हादसे के बाद दो सदस्यों की एक टीम गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. सूत्रों के मुताबिक झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इसमें किसी तरह की साजिश या फिर लापरवाही नहीं की गई है. चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट में पता चलेगा शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ, क्या वार्ड में लगी मशीनो पर ओवरलोड थी, जिसकी वजह से शोर्ट सर्किट हुआ? यहां आपको यह भी बता दें कि अब इस मामले में चार सदस्यों की भी एक टीम बनाई गई है और वो भी जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
घटना के वक्त स्टाफ भी था NICU में मौजूद
घटना के वक्त NICU वार्ड में 6 नर्स, अन्य स्टाफ और 2 लेडी डॉक्टर मौजूद थे. स्विच बोर्ड में शॉर्ट सर्किट के चलते हुए स्पार्क से आग लगी थी. स्विच बोर्ड में लगी आग से वार्ड में लगी मशीनों के ऊपर प्लास्टिक कवर ने इसे पकड़ लिया और प्लास्टिक कवर से आग टपक कर नीचे गिरने लगी, जिसके बाद वार्ड में तेजी से आग फैलने लगी. ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने आग बुझाने की कोशिश की जिसमें उसके पैर और कपड़े तक जल गए.
अब तक इसमें नहीं दर्ज की गई एफआईआर
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना में कोई अपराधिक षड्यंत्र या साजिश नहीं का मामला सामने नहीं आया है, जिसकी वजह से अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. झांसी कमिश्नर और DIG की कमेटी ने घटना के समय मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि आग शोर्ट सर्किट से लगी है.
NICU में नहीं होते वॉटर स्प्रिंकलर
जांच कमेटी को डॉक्टरो ने बताया कि NICU वार्ड में नवजात शिशुओं के चलते वॉटर स्प्रिंकलर नहीं लगाए जाते हैं. सूत्रों के अनुसार स्विच बोर्ड में स्पार्क होने से आग लगी थी. एक नर्स ने इसे अपने से ठीक करने की कोशिश की. इस प्रयास में वो ज़ख़्मी भी हो गई. इस दौरान आग ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की तरफ़ फैलने लगी और नर्स चिल्लाते हुए बाहर आई.
फायर एक्सटिंगुइशर से आग बुझाने की कोशिश की गई थी
एक पैरा मेडिकल स्टाफ़ फायर एक्सटिंगुइशर लेकर अंदर गया. उसके पीछे दो और कर्मचारी तीन और फायर एक्सटिंगुइशर लेकर अंदर गए. चारों का इस्तेमाल हुआ. पर तब तक आग बहुत फैल चुकी थी. सूचना के 8 मिनट में फायर टेंडर भी पहुंच गया था. झांसी कमिश्नर विपुल दुबे और झांसी डीआईजी रेंज कलानिधि नेथानी से सरकार ने मांगी थी घटना पर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी.
NDTV India – Latest
More Stories
दिलजीत दोसांझ का तेलंगाना सरकार पर फूटा गुस्सा, बोले- ‘एक दिन में हासिल की गई पॉपुलैरिटी नहीं मेरी…’
क्या कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी छोड़ने की वजह आतिशी हैं? केजरीवाल की खामोशी के क्या मायने
शहद के साथ काली मिर्च खाने के शरीर को मिलेंगे अनगिनत फायदे, जानने के बाद चौंक जाएंगे आप