आईटी और कम्यूनिकेशन मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि “लोकतांत्रिक देश को लेकर गलत जानकारी देने से देश की छवि धुमिल होती है और इसके लिए जुकरबर्ग को जनता से माफी मांगनी होगी”.
भारत के बारे में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की भ्रामक टिप्पणी मामले में संसदीय समिति फेसबुक को समन करेगी. आईटी और कम्यूनिकेशन मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए यह जानकारी दी है.
अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मेरी कमिटि इस गलत जानकारी के लिए मेटा को बुलाएगी. किसी भी लोकतांत्रिक देश की गलत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है. इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहां की जनता से उस संस्था को माफी मांगनी पड़ेगी.”
मेरी कमिटि इस ग़लत जानकारी के लिए @Meta को बुलाएगी । किसी भी लोकतांत्रिक देश की ग़लत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है । इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहाँ की जनता से उस संस्था को माफ़ी माँगनी पड़ेगी https://t.co/HulRl1LF4z
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 14, 2025
बता दें कि इस मामले में सोमवार को आईटी और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्क जुकरबर्ग को जवाब दिया था और उनके बयान को गलत करार दिया था. जुकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि कोविड के बाद कई सरकारें 2024 में हुए चुनाव हार गईं और इनमें भारत भी शामिल है.
उन्होंने कहा था, “2024 दुनिया भर में एक बहुत बड़ा चुनावी वर्ष था और भारत समेत कई देशों में चुनाव हुए. मौजूदा सरकारें मूल रूप से हर एक चुनाव हार गईं. यह किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना है – चाहे वह इंफ्लेशन के कारण हो या कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण… लेकिन ऐसा लगता है कि इसका वैश्विक प्रभाव पड़ा है.”
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