केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर किसी को ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे.
संसद में संविधान पर चर्चा हो रही है. भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ये चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस चर्चा में आज हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी इस चर्चा में उठे सवालों का जवाब देंगे. पीएम शाम 5 बजे अपनी बात लोकसभा में रखेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत की थी, जिसके बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं ने इस चर्चा में हिस्सा लिया. लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संविधान का हर शब्द प्रेरणादाययी है और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का सपना पीएम मोदी पूरा कर रहे हैं.
‘संविधान का हर एक शब्द प्रेरणादायी’
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने “भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” पर चर्चा के दौरान कहा, ‘संविधान का हर एक शब्द प्रेरणादायी है. यह हमें आगे बढ़ने का साहस देता है. बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान लिखने के साथ एक सपना देखा था. वो सपना था कि सबको न्याय मिले. इस सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं. मुझे गर्व है कि जब प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल शुरू हुआ, तो उन्होंने संविधान की इसी भावना का पालन करते हुए अपनी सरकार का मंत्र इस देश के सामने रखा. और वह मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास.’
फिर ऐसा क्यों कहा जाता है अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं?
सदन में शुक्रवार को चर्चा में भाग लेते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव समेत कुछ विपक्षी सदस्यों ने देश में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया था. संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू के अनुसार, यूरोपीय संघ के देशों के एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, इस क्षेत्र के देशों में 48 प्रतिशत लोग भेदभाव के शिकार हुए हैं जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की स्थिति (अल्पसंख्यकों के मामले में) क्या है, सबको पता है. रीजीजू ने कहा, ‘आसपास के देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुल्म होता है तो वो लोग सबसे पहले भारत में आते हैं. इसलिए आते हैं कि भारत सुरक्षित है. ऐसा क्यों कहा जाता है कि अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं?’ रीजीजू ने कहा कि ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जिससे देश की छवि खराब होती हो.
‘आपको मुझे कुछ साल तो झेलना पड़ेगा’
विपक्षी सदस्यों की टोका-टोकी के बीच रीजीजू ने संसदीय कार्य मंत्री के रूप में अपने कामकाज की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मैं सीधा-साधा आदमी हूं…अगर मैं पसंद नहीं भी आता हूं तो भी आपको मुझे कुछ साल तो झेलना पड़ेगा. अगर आपको लगता है कि आप मेरे साथ काम नहीं कर सकते हैं, तो प्रधानमंत्री जी को कहिए. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की बातों को गलत ढंग से पेश किया गया कि उन्होंने हिंदू धर्म को छोड़ा और अब हिंदू धर्म के खिलाफ लड़ना है.’ रीजीजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप ही आज एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति हैं.
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