इस साल कैंपस में भर्ती करने वाली कंपनियों की संख्या में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 324 कंपनियों से बढ़कर 364 हो गई है. फिर भी इस साल छात्रों को मिलने वाला न्यूनतम सालाना पैकेज 4 लाख रुपये रहा है.
बेहद प्रतिष्ठित IIT बॉम्बे ने एकेडमिक ईयर 2023-24 के लिए प्लेसमेंट प्रोसेस पूरा कर लिया है. इस साल कैंपस में भर्ती करने वाली कंपनियों की संख्या में 12% की वृद्धि तो हुई लेकिन 25% छात्रों के हाथ खाली रह गए, उन्हें कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिली. और इतनी कठिन पढ़ाई के बावजूद न्यूनतम सालाना पैकेज 4 लाख रुपये तक नीचे आ गया है. दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक IIT-JEE पास कर ली. IIT बॉम्बे जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सीट भी मिल गई, कैंपस प्लेसमेंट में भर्ती करने वाली कंपनियों की भी भरमार है, इसके बावजूद 25% छात्र खाली हाथ रह गए. वहीं आईआईटी के छात्रों को सिर्फ़ 4 लाख रुपये का सालाना पैकेज का ऑफर भी हैरान करता है.
206 छात्र 10 लाख से कम के सालाना पैकेज पर चुने गये
आईआईटी बॉम्बे ने अपने एकेडमिक ईयर 2023-24 की प्लेसमेंट रिपोर्ट जारी की है.आईआईटी-बॉम्बे में 2024 के प्लेसमेंट सीजन में 25% ग्रेजुएट स्टूडेंट कैंपस प्लेसमेंट पाने में असफल रहे हैं. इस साल का मिनिमम सैलरी पैकेज भी गिरकर 4 लाख रुपए प्रति वर्ष पर आ गया, जो पिछले साल के 6 लाख रुपए प्रति वर्ष से काफी कम है. 435 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए खुद को रजिस्टर तो किया पर शामिल नहीं हुए. शामिल हुए कुल छात्रों में 504 को प्लेसमेंट नहीं मिल सका. 206 छात्र 10 लाख से कम के सालाना पैकेज पर चुने गये.
कैंपस प्लेसमेंट में 364 कंपनियों ने लिया हिस्सा
इस साल कैंपस में भर्ती करने वाली कंपनियों की संख्या में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 324 कंपनियों से बढ़कर 364 हो गई है. फिर भी इस साल छात्रों को मिलने वाला न्यूनतम सालाना पैकेज 4 लाख रुपये रहा है और 25% छात्रों का IIT प्लेसमेंट नहीं हुआ. पिछले साल प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर किए गए छात्रों में से 82% छात्रों को नौकरी मिली थी, जबकि इस साल 75% छात्रों की प्लेसमेंट हुई है.
इंडस्ट्रीज का रुझान भी बदलता दिखा, इस प्लेसमेंट सीज़न में पिछले साल की तुलना में कंसल्टिंग ऑफ़र में भी गिरावट देखी गई, जिसमें 29 कंसल्टिंग फ़र्मों द्वारा केवल 117 ऑफ़र दिए गए.
क्या कमजोर ग्लोबल इकोनॉमी है इसका कारण?
IIT बॉम्बे के छात्र इन आंकड़ों को कमजोर ग्लोबल इकोनॉमी का नतीजा मान रहे हैं, और भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं.IIT कानपुर के पूर्व छात्र और प्लेसमेंट मेंटर धीरज सिंह बताते हैं की 2023 की तुलना में इस साल बिना नौकरी के छात्रों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. आंकड़ों के विश्लेषण में बताते हैं कि क़रीब 47% IIT बॉम्बे ग्रेजुएट्स जॉब क्राइसिस के असर से गुज़रेंगे!जानकर अनुमान लगाते हैं कि अकेले इस वर्ष नौकरी संकट के कारण 1.5 मिलियन इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स में से कम से कम 50% प्रभावित हो सकते हैं.
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