भारतीय रिजर्व बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के माध्यम से करेंसी मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपा गया है. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 22, रिज़र्व बैंक को नोट जारी करने का अधिकार देती है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश का केंद्रीय बैंक हैं. इसे सभी बैंकों का बैंक भी कहते हैं. देश की इकोनॉमिक मैकानिज्म को RBI हैंडल करती है. इसकी पॉलिसी को मॉनिटरी पॉलिसी कहते हैं. RBI का मुख्य काम देश के लिए मॉनिटरी पॉलिसी बनाना, बैंकों के लिए रेपो रेट और रिजर्व रेपो रेट तय करना और नोट छापना है. RBI की ओर से छापे गए नोटों पर अभी गवर्नर शक्तिकांत दास के साइन होते हैं. जल्द ही अब भारत के करेंसी नोटों पर संजय मल्होत्रा (मौजूदा समय में राजस्व सचिव) के साइन दिखेंगे, क्योंकि ये RBI के नए गवर्नर बनाए गए हैं. 10 दिसंबर को शक्तिकांत दास का टर्म पूरा हो रहा है. इसके बाद संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर से RBI के नए गवर्नर के तौर पर काम संभाल लेंगे.
आइए जानते हैं सभी नोटों पर आखिर RBI गवर्नर के साइन क्यों होते हैं? गारंटीड बाय द सेंट्रल गवर्नमेंट का क्या मतलब होता है:-
किस कानून के तहत नोट छापती है RBI?
भारतीय रिजर्व बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के माध्यम से करेंसी मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपा गया है. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 22, रिज़र्व बैंक को नोट जारी करने का अधिकार देती है.
नोटों पर क्यों साइन करते हैं RBI गवर्नर?
दो रुपये या उससे ज़्यादा के नोटों पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के साइन होते हैं. भारतीय करेंसी नोटों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर के साइन होने की वजह यह है कि ये साइन नोट को वैलिडिटी देते हैं. RBI गवर्नर के साइन के साथ लिखा वचन पत्र, नोट को देश में वैलिड करेंसी बनाता है. इस वचन पत्र के तहत RBI गवर्नर यह गारंटी देता है कि नोट की वैल्यू के बराबर सोना उसके पास रखा है. यानी, नोट के मूल्य के बराबर रकम का पेमेंट करने की ज़िम्मेदारी RBI की होती है.
प्रॉमिसरी नोट का क्या होता है मतलब?
बैंकनोट पर एक लाइन लिखी होती है-“मैं धारक को…रुपये अदा करने का वचन देता हूं”. इसे बैंक की भाषा में प्रॉमिसरी नोट कहते हैं. यह लाइन हर भारतीय करेंसी नोट पर लिखी होती है. इस वाक्य का बहुत महत्व है. यही वाक्य नोट की कीमत की पुष्टि करता है. यह वाक्य बताता है कि जो नोट आपके पास है उसके वास्तविक मूल्य की पुष्टि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का गवर्नर खुद कर रहे हैं. इसके माध्यम से गर्वनर यह गारंटी देते हैं कि रिजर्व बैंक के नोट के मूल्य के बराबर सोना रिजर्व रखा गया है. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया जितने रुपये का नोट छापता है, उतने रुपये का सोना अपने पास रिज़र्व कर लेता है.
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गारंटीड बाय द सेंट्रल गवर्नमेंट मतलब?
इस वाक्य के अलावा हर नोट पर भारतीय रिजर्व बैंक के नीचे ‘केंद्रीय सरकार द्वारा प्रत्याभूत’ और अंग्रेजी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नीचे ‘गारंटीड बाय द सेंट्रल गवर्नमेंट’ भी लिखा होता है. यानी एक तरह से नोट के मूल्य की गारंटी केंद्र सरकार भी देती हैं. ये दोनों ही बातें नोट को सामान्य कागज से एक विशेष कागज यानी मुद्रा में बदल देती हैं.
नोट लेने से इनकार किया तो?
इस वचन पत्र की वजह से नोट पाने वाला शख्स इसे लेने से इनकार नहीं कर सकता. ऐसा करने पर उसे सरकार द्वारा समर्थित RBI के आदेश को न मानने का दोषी माना जाएगा. इस केस में संबंधित शख्स पर देशद्रोह का आरोप भी लगाया जा सकता है.
नोट पर लिखे वचन पत्र के अलावा RBI गवर्नर के साइन से यह भी पता चलता है कि नोट किस गवर्नर के कार्यकाल में जारी हुआ था. आजकल के नोटों पर जारी होने का साल भी लिखा होता है.
एक रुपये के नोट पर क्यों नहीं होता RBI गवर्नर का साइन?
एक रुपये के नोट पर RBI गवर्नर के साइन नहीं होते. इसकी वजह यह है कि एक रुपये का नोट भारत सरकार की फाइनेंस मिनिस्ट्री जारी करती है. इसलिए इस पर फाइनेंस सेक्रेटरी के साइन होते हैं. एक रुपये के नोट को पहली बार 30 नवंबर, 1917 को जारी किया गया था. 1 रुपये के नोट की छपाई को पहली बार 1926 में और दूसरी बाद 1994 में बंद किया गया. बावजूद इसके यह वापस बाजार में आ धमकता है और अपनी शुरुआत के बाद से आज तक बाजार से आउट नहीं हुआ है.
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बैंक नोटों और सिक्कें कहां तैयार किए जाते हैं?
बैंक नोटों को 4 प्रींटिंग प्रेस में तैयार किया जाता है. इसे टकसाल में कहते हैं. इसमें से दो का स्वामित्व उसके निगमों –सिक्यूरिटी प्रिंटिंग एंड मिंन्टिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के माध्यम से भारत सरकार के पास है. बाकी दो का स्वामित्व उसके पूर्ण स्वामित्व वाली संस्था, भारतीय रिज़र्व बैंकनोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है. ये मुद्रा प्रेस नासिक (पश्चिमी भारत), देवास (मध्य भारत), मैसूर (दक्षिण भारत) और सालबोनी (पूर्वी भारत) में स्थित हैं.
वर्तमान में कौन से मूल्यवर्ग के बैंकनोट संचलन में हैं?
भारत में वर्तमान में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100 ₹200 और ₹500 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किए जाते हैं । इन नोटों को बैंकनोट कहा जाता है. 2000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी गई है. अब ये चलन में नहीं हैं.
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