कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में मिली करारी हार के बाद EVM की गड़बड़ी का दावा किया था. महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों को लेकर भी EC पर सवाल उठाए गए थे. अब NDTV के इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स 2024 में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने विपक्षी पार्टियों को जवाब दिया है.
हाल के समय में हुए चुनावों को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission) यानी चुनाव आयोग पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने EVM में गड़बड़ी और चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए थे. चुनाव आयोग ने सिरे से इन आरोपों को खारिज किया था. अब NDTV के इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स 2024 में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने अपने अंदाज में विपक्ष को जवाब दिया है.
CEC राजीव कुमार ने कहा, “कविता में कई रस होते हैं. श्रृंगार रस, वीर रस, करुणा रस और भी रस हैं. मुझे लगता है कि धीरे-धीरे निंदा रस का चलन बढ़ता जा रहा है. प्रशंसा करने का गुण कम होता जा रहा है. चुनाव आयोग को लेकर पूरा सोशल मीडिया निंदा रस से भरा हुआ है. लेकिन आज NDTV हमारे काम की प्रशंसा कर रहा है. यानी आप प्रशंसा रस की तरफ जा रहे हैं. आपको ऑफिस में घर में या कहीं भी बाहर… कोई प्रशंसा करने वाला मिले, तो उसकी पीठ जरूर थपथपाइए. क्योंकि प्रशंसा के दीप जलते रहने चाहिए.” बता दें कि NDTV ने पोलिंग बूथ कर्मियों को इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया है.
#NDTVIndianOfTheYear | ‘चुनाव आयोग को लेकर पूरा सोशल मीडिया निंदा रस से भरा हुआ है, आप (NDTV) आज प्रशंसा कर रहे हैं, यानी आप प्रशंसा रस की तरफ जा रहे हैं’- CEC राजीव कुमार
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— NDTV India (@ndtvindia) December 6, 2024
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव पर क्या उठाए थे सवाल?
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में मिली करारी हार के बाद EVM की गड़बड़ी का दावा किया था. दरअसल, काउंटिंग के दिन शुरुआती रुझानों और सुबह 11 बजे तक कांग्रेस को बहुमत के करीब मिलता दिखाया जा रहा था, लेकिन उसके बाद ही बाजी बीजेपी के पक्ष में पलट गई. बड़े उलटफेर के बाद हरियाणा चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिल गया. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से 13 अक्टूबर को शिकायत की थी. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों पर काउंटिंग के दौरान EVM में गड़बड़ी पाई गई. इन सीटों के उम्मीदवारों ने लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की थीं. कांग्रेस ने इनकी सूची चुनाव आयोग को भेजी थी.
कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा था, “यह अजीब है कि जिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में 99% बैटरी चार्ज रही, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हारे हैं. वहीं, 60-70% बैटरी चार्ज वाली मशीन वे हैं जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं. काउंटिंग के दिन कुछ मशीनें 99% और बाकी सामान्य मशीनें 60-70% चार्ज थीं. हमारी मांग है कि जांच पूरी होने तक उन मशीनों को सील और सुरक्षित रखा जाना चाहिए.”
हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. नतीजे 8 अक्टूबर को आए थे. हरियाणा चुनाव में BJP ने 90 में से 48 सीटें जीतीं. कांग्रेस के हाथ में 37 सीटें आईं. INLD को 2 सीटें मिलीं. जबकि JJP का खाता तक नहीं खुला था.
चुनाव आयोग ने दिया क्या जवाब?
चुनाव आयोग कांग्रेस के हरियाणा विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों को खारिज कर दिया. चुनाव आयोग ने 1600 पेज के जवाब में सभी आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था. आयोग ने कहा, “वोटिंग और काउंटिंग जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है. आयोग ने कांग्रेस पार्टी को नसीहत दी आरोप लगाने में सावधानी बरते. बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर हमला न किया जाए.”
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर भी उठे थे सवाल
20 नवंबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी कांग्रेस चुनाव आयोग पर आरोप लगा चुकी है. चुनाव में कांग्रेस को मात्र 16 सीटें मिली हैं. करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस के मुखिया नाना पटोले ने कहा कि विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है. पटोले ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि नतीजे हमारे पक्ष में आएंगे. नांदेड़ के लोकसभा चुनाव और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए, लेकिन विधानसभा की सीट हम हार गए. लोकसभा सीट जीत गए. ऐसा कैसे हो सकता है?” उन्होंने बीजेपी पर नोट जिहाद और वोट जिहाद का आरोप भी लगाया था.
इसपर EC ने क्या दिया जवाब?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर कांग्रेस के उठाए सवालों के जवाब में EC ने कहा कि चुनाव के हर चरण में उम्मीदवारों और उनके एजेंटों की भागीदारी कराई जाती है. EC ने यह भी दोहराया कि राजनीतिक दलों की भागीदारी के साथ ही एक पारदर्शी मतदाता सूची बनाई जाती है. अधिकारियों ने कहा कि आयोग ने अभी भी कांग्रेस को अपनी सभी वैध चिंताओं की समीक्षा करने का आश्वासन दिया है.
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता मतदान डेटा में कोई विसंगति नहीं है. सभी उम्मीदवारों के पास हर मतदान केंद्र का डाटा उपलब्ध है और वो इसकी जांच कर सकते हैं.
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