November 24, 2024
सरकारी मदद रुकने से परेशान थी उन्नाव रेप पीड़िता, घर छोड़ने की आ गई थी नौबत; Pari संस्था ने बढ़ाया हाथ

सरकारी मदद रुकने से परेशान थी उन्नाव रेप पीड़िता, घर छोड़ने की आ गई थी नौबत; PARI संस्था ने बढ़ाया हाथ​

NDTV की खबर का असर: भयाना ने उन्हें अन्य ख़र्चों के लिए भी आर्थिक सहयोग दिया है. यही नहीं, भयाना ने पीड़िता को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए नौकरी की भी पेशकश की है.

NDTV की खबर का असर: भयाना ने उन्हें अन्य ख़र्चों के लिए भी आर्थिक सहयोग दिया है. यही नहीं, भयाना ने पीड़िता को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए नौकरी की भी पेशकश की है.

उन्नाव रेप पीड़िता पर एनडीटीवी की खबर का सकारात्मक असर हुआ है. जानी-मानी एंटी-रेप एक्टिविस्ट योगिता भयाना पीड़िता की मदद के लिए आगे आई हैं. योगिता ने पीड़िता के कई महीनों से बकाया मकान का किराया चुका दिया है. पीड़िता को बेघर होने का डर सता रहा था जिसकी खबर एनडीटीवी ने शुक्रवार को दिखाई थी.

भयाना ने उन्हें अन्य ख़र्चों के लिए भी आर्थिक सहयोग दिया है. यही नहीं, भयाना ने पीड़िता को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए नौकरी की भी पेशकश की है.

क्या है पूरा मामला?

“वो बहुत बुरी परिस्थिति में अपने दिन गुज़ार रही हैं. मकान मालिक अक्सर उनके बिजली और पानी की सप्लाई काट दे रहा था. अभी हमारे संस्था ने उनकी आर्थिक मदद कर उनके दुख को कुछ कम किया है”, भयाना ने एनडीटीवी से कहा.

पीड़िता, जो पिछले कुछ समय से मदद की गुहार लेकर सरकारी दफ़्तरों के चक्कर काट रहीं थी, ने एनडीटीवी‌ से कहा कि- “मैडम ने मेरी बहुत हेल्प की है, मैं उनका एहसान ज़िंदगी भर नहीं भूल पाऊँगी”.

योगिता भयाना ‘पीपल अगेंस्ट रेप इन इंडिया’ (PARI) नाम की संस्था चलाती हैं जो सालों से रेप पीड़ितों की बेहतरी के लिए काम करती आयी हैं.

भयाना का कहना है कि “ये कोई पहला मामला नहीं है, अक्सर हम देखते हैं कि सरकारें और मुख्यमंत्री घटना के समय बड़े बड़े वादे करके मीडिया मैनेज कर लेते हैं लेकिन कुछ ही वक़्त बाद उनकी बातों की हक़ीक़त सामने आ जाती है”.

साल 2018 में रेप पीड़िता को सुरक्षा वजहों से उन्नाव से दूर दिल्ली शिफ्ट कराया गया था. उससे पहले पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में रहस्यमय तरीक़े से मौत हो गई थी. इसके कुछ समय बाद पीड़िता की गाड़ी का एक्सीडेंट भी हुआ. इस हादसे में पीड़ित ने अपनी दो चाचियों को खो दिया था.

निष्कासित बीजेपी नेता कुलदीप सेंगर इस मामले में आरोपी था और साल 2019 में ट्रायल कोर्ट ने पूर्व विधायक को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. फ़िलहाल दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सेंगर की अपील की सुनवाई चल रही है.

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