December 20, 2024
सरकार बीड़ी श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: मनसुख मांडविया

सरकार बीड़ी श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: मनसुख मांडविया​

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं की मदद से बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. बुधवार को "बीड़ी श्रमिकों की आजीविका को संरक्षित, संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता" (The Need to Preserve, Protect, and Promote Beedi Workers' Livelihood) शीर्षक की पुस्तक के विमोचन के मौके पर मांडविया ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार का मंत्र "सबका साथ, सबका विकास" है. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों, किसानों और मजदूरों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं की मदद से बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. बुधवार को “बीड़ी श्रमिकों की आजीविका को संरक्षित, संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता” (The Need to Preserve, Protect, and Promote Beedi Workers’ Livelihood) शीर्षक की पुस्तक के विमोचन के मौके पर मांडविया ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार का मंत्र “सबका साथ, सबका विकास” है. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों, किसानों और मजदूरों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं की मदद से बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. बुधवार को “बीड़ी श्रमिकों की आजीविका को संरक्षित, संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता” (The Need to Preserve, Protect, and Promote Beedi Workers’ Livelihood) शीर्षक की पुस्तक के विमोचन के मौके पर मांडविया ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार का मंत्र “सबका साथ, सबका विकास” है. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों, किसानों और मजदूरों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

मनसुख मांडविया ने कहा कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी यह लगना चाहिए कि वह ‘विकसित भारत’ का भागीदार है.

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बीड़ी कामगारों पर उक्त पुस्तक का विमोचन हुआ और एक शोध रिपोर्ट जारी की गई. यह पुस्तक अखिल भारतीय बीड़ी उद्योग महासंघ (एआईबीआईएफ) द्वारा त्रिनिकेतन फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट के साथ मिलकर प्रकाशित की गई है. इस पुस्तक की लेखक डॉ अनिला नायर और डॉ एमएम रहमान हैं.

मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि ‘हमें विकसित भारत बनाना है. …लेकिन जब विकसित भारत बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे तो अंतिम पंक्ति को भी अच्छी सुविधा प्राप्त हो और उसे लगे कि वह विकसित भारत का भागीदार है. मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं की मदद से बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.’

अतिथियों ने त्रिनिकेतन फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट (triniketanfoundation.org.in) पर विभिन्न शोध रिपोर्ट जारी कीं. इसमें जबलपुर, मध्य प्रदेश और बगदाह, पश्चिम बंगाल की दो माइक्रो स्टडी शामिल हैं. एक शोध रिपोर्ट से पता चलता है कि कई महिला श्रमिकों के लिए बीड़ी बनाना सिर्फ़ एक काम नहीं बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का एक साधन है. इससे उन्हें अपने घर से काम करके आजीविका चलाने की सुविधा मिलती है. घर से काम करने पर उन्हें परिवहन में खर्च का बोझ नहीं उठाना पड़ता.

कई महिलाओं ने बताया कि कैसे बीड़ी बनाने का काम करके वे आत्मनिर्भर और सशक्त बनीं. यह प्रभाव विशेष रूप से सोलापुर, बेंगलुरु, मैसूर और मांड्या में दिखाई देता है.

इस कार्यक्रम में बीड़ी पर जीएसटी दर कम करने की मांग की गई. इस बात पर जोर दिया गया कि लाखों लोगों के लिए बीड़ी बनाना एक उद्योग से कहीं अधिक है, और यह उनकी लाइफ लाइन है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य बीड़ी श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करना था. कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के 25 से अधिक सांसद और विधायक, प्रमुख ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि, श्रम विभाग के अधिकारी और मध्य प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल के बीड़ी श्रमिक शामिल हुए.

राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि, “यह महत्वपूर्ण है कि लोगों को रोजगार के मौके मिलें, और बीड़ी उद्योग की मुख्य विशेषता यह है कि यह ऐसे छोटे गांवों में रोजगार देता है जहां नौकरियां कम हैं.”

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक डॉ अश्विनी महाजन ने कहा कि बीड़ी पर कर (जीएसटी) बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद से चीन से सस्ते सिगरेटों की बड़े पैमाने पर डंपिंग हुई है, जिससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ है, साथ ही इस प्रमुख श्रमिक केंद्रित उद्योग में रोजगार का भी बड़ा नुकसान हुआ है.

इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय बीड़ी उद्योग महासंघ द्वारा निर्मित एक डॉक्यूमेंट्री ‘उड़ान सपनों की’ का प्रदर्शन भी किया गया. इस फिल्म में उन परिवारों की सफलता की कहानियां दिखाई गईं, जिन्होंने बीड़ी बनाने से होने वाली आय के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता हासिल की है.

कार्यक्रम को भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय संगठन सचिव बी सुरेंद्रन ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, सामाजिक संगठनों आदि के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए.

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