January 10, 2025
सर्दियों में घुटने और जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके, डॉक्टर मीरा पाठक ने बताए उपाय

सर्दियों में घुटने और जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके, डॉक्टर मीरा पाठक ने बताए उपाय​

सर्दियों के मौसम में घुटने और जोड़ों का दर्द बढ़ना एक सामान्य समस्या है. अक्सर देखा जाता है कि सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द और बढ़ जाता है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियां मुश्किल हो जाती है. आइए डॉक्टर से जानें इस समस्या से कैसे करें बचाव.

सर्दियों के मौसम में घुटने और जोड़ों का दर्द बढ़ना एक सामान्य समस्या है. अक्सर देखा जाता है कि सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द और बढ़ जाता है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियां मुश्किल हो जाती है. आइए डॉक्टर से जानें इस समस्या से कैसे करें बचाव.

सर्दियों के मौसम में घुटने और जोड़ों का दर्द बढ़ना एक सामान्य समस्या है. अक्सर देखा जाता है कि सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द और बढ़ जाता है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियां मुश्किल हो जाती है. ठंडे मौसम में मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न और सूजन बढ़ जाती है, जिससे दर्द और असहजता महसूस होती है. इस समस्या के कारण और इससे बचाव के उपाय पर नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. मीरा पाठक ने कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई. डॉ. मीरा ने सर्दियों में जोड़ों के दर्द बढ़ने के कारणों और इससे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया.

सर्दियों में जोड़ों और मांसपेशियों में क्यों होता है दर्द

डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि सर्दियों में जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाले परिवर्तन सामान्य जनसंख्या को भी प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. सर्दियों में तापमान में गिरावट के कारण, शरीर में रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम होता है और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जो दर्द को बढ़ा सकती है. इसके अलावा, वातावरण के दबाव में बदलाव भी जोड़ों और लिगामेंट्स में खिंचाव का कारण बनता है, जिससे शरीर में जकड़न और दर्द की स्थिति पैदा होती है.

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इसके अलावा, सर्दियों में शरीर की गतिविधियां भी कम हो जाती हैं, क्योंकि ठंड के कारण लोग कम हिलते-डुलते हैं. इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में और भी ज्यादा जकड़न महसूस होती है. उन्होंने बताया कि मांसपेशियों की जकड़न और दर्द में वृद्धि के कारण एक और बड़ा कारण विटामिन डी की कमी है, क्योंकि सर्दी में सूर्य की रोशनी कम मिलती है, जिससे शरीर में विटामिन डी का स्तर घट जाता है. विटामिन डी की कमी से भी मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है. सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या से निपटने के लिए कुछ प्रभावी उपाय भी बताए.

डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि सबसे पहले यह जरूरी है कि सर्दियों में अपने शरीर को गर्म रखें. विशेष रूप से जोड़ों के आसपास के हिस्सों को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े पहनें. नीकैप, लेग वार्मर्स आदि पहन सकते हैं. इसके अलावा, हीटिंग पैड, हीटर और गर्म पानी से सिकाई करने से भी राहत मिलती है. इसके अलावा, नियमित रूप से हल्का योग, स्ट्रेचिंग और वॉकिंग करना बहुत महत्वपूर्ण है. इससे मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं और जोड़ों में जकड़न कम होती है.

उन्होंने आगे बताया कि जिन लोगों का वजन ज्यादा है, उन्हें अपना वजन कम करने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि ज्यादा वजन होने से जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है. इसके अलावा, सर्दियों में लोग पानी कम पीते हैं, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और मांसपेशियों का लचीलापन बना रहे.

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डॉ. पाठक ने आगे कहा कि आहार में ऐसे पदार्थ शामिल करें, जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, जैसे फिश, वॉलनट्स, हल्दी, अदरक, मेथी और लहसुन हों, क्योंकि ये सभी प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लेमेटरी होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. उन्होंने विटामिन डी का जिक्र करते हुए कहा कि सर्दी के मौसम में विटामिन डी की कमी हो जाती है, इसलिए विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें. इसके साथ ही, ग्लूकोसामाइन और चोंड्रोइटिन जैसे सप्लीमेंट्स का सेवन भी जोड़ों और हड्डियों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है.

उन्होंने आगे कहा कि जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए गर्म तेल से मसाज करना लाभकारी होता है. इससे मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है और खिंचाव में भी आराम मिलता है. इसके अलावा, हल्के वर्कआउट्स जैसे की स्ट्रेचिंग और वॉकिंग से भी दर्द में राहत मिलती है. इनसे शरीर में रक्त संचार बढ़ता है और जोड़ों में लचीलापन बना रहता है.

डॉ. पाठक ने अंत में कहा कि यदि दर्द ज्यादा बढ़ जाए, तो डॉक्टर की सलाह से पेन किलर का सेवन किया जा सकता है. लेक‍िन, पेन किलर का इस्तेमाल बिना डॉक्टर के निर्देश के नहीं करना चाहिए.

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