September 17, 2024
सितंबर के महीने में कब कब पड़ेगा प्रदोष व्रत, जानें सही तिथि और पूजा मुहूर्त

सितंबर के महीने में कब-कब पड़ेगा प्रदोष व्रत, जानें सही तिथि और पूजा मुहूर्त​

Pradosh Vrat Date: प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूरे मनोभाव से पूजा-आराधना की जाती है. यहां जानिए सितंबर के महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत.

Pradosh Vrat Date: प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूरे मनोभाव से पूजा-आराधना की जाती है. यहां जानिए सितंबर के महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत.

Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और महादेव अपनी कृपा बरसाते हैं. ऐसे में अगर आप भी प्रदोष व्रत करना चाहते हैं, तो जानिए सितंबर के महीने में कब-कब प्रदोष व्रत पड़ेंगे. दरअसल, एक महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन सुबह से लेकर शाम तक व्रत किया जाता है और भगवान शिव (Lord Shiva) समेत उनके पूरे परिवार की आराधना की जाती है. साथ ही, विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. आइए जानें सितंबर के महीने में प्रदोष व्रत की तिथि कब है.

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सितंबर में कब-कब है प्रदोष व्रत | Pradosh Vrat In September

हिंदू पंचांग के अनुसार, सितंबर के महीने में 2 बार प्रदोष व्रत पड़ेगा. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 सितंबर से शुरू होगी, जो 16 सितंबर को दोपहर तक रहेगी. ऐसे में पहला प्रदोष व्रत 15 सितंबर, रविवार को रखा जाएगा. इसके बाद अश्विन माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 सितंबर से शुरू होगी, जो 30 सितंबर शाम तक रहेगी. ऐसे में सितंबर का दूसरा प्रदोष व्रत 29 सितंबर, रविवार को रखा जाएगा, इसे कृष्ण प्रदोष व्रत कहा जाता है और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि को शुक्ल प्रदोष व्रत कहा जाता है.

प्रदोष व्रत पर किस तरह करें पूजा

अगर आप प्रदोष व्रत करना चाहते हैं तो त्रयोदशी तिथि पर सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके साफ वस्त्र पहनें. शिव परिवार समेत सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान से पूजा करें. अगर आप व्रत रख रहे हैं तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें. शाम के समय मंदिर दीपक जलाएं फिर भगवान शिव का अभिषेक करें. इस दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और पूरी श्रद्धा से भगवान शिव, मां पार्वती और शिव परिवार की आराधना करें. अंत में शिव जी की आरती करें, भोग अर्पित करें और आखिर में क्षमा प्रार्थना भी करें कि पूजा-पाठ में जो भी हमसे भूल चूक हुई है उसे माफ कर दें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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