CISF ने एक बार फिर 29वीं अंतर-CAPF वाद-विवाद प्रतियोगिता में ओवरऑल बेस्ट टीम रोलिंग ट्रॉफी अपने नाम कर ली.
सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) ने एक बार फिर 29वीं अंतर-CAPF वाद-विवाद प्रतियोगिता में ओवरऑल बेस्ट टीम रोलिंग ट्रॉफी अपने नाम कर ली. इस प्रतियोगिता का आयोजन सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के देखरेख में अटल अक्षय ऊर्जा भवन लोधी रोड में किया गया.
यह CISF के लिए इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को 10वीं बार जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो उनकी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन और बौद्धिक क्षमता को दर्शाती है. प्रतियोगिता हर साल CAPF कर्मियों के लिए मानवाधिकार मुद्दों पर अपनी समझ और ज्ञान को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है.
सीआईएसएफ के विजेता:
हिंदी भाषा श्रेणी में एसआई/कार्यकारी राहुल कुमार और सहायक कमांडेंट कन्हा जोशी ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त कियाअंग्रेजी भाषा श्रेणी में, सहायक कमांडेंट अक्षय बडोला और सहायक कमांडेंट भास्कर चौधरी ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया
सीआईएसएफ टीम की इस सफलता का श्रेय उनके उत्कृष्ट वक्तृत्व कौशल, गहन शोध और मानवाधिकारों की गहरी समझ को जाता है. इसके अलावा, नेशनल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एकेडमी (NISA) में मिले प्रशिक्षण ने भी इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा आयोजित इस वाद-विवाद प्रतियोगिता में सभी आठ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) – CRPF, BSF, CISF, ITBP, SSB, NSG, RPF और असम राइफल्स ने भाग लिया. प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की गई, जिनमें निम्नलिखित विषय शामिल थे- मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील पुलिस बल अधिक प्रभावी होता है, सुरक्षा बल मानवाधिकारों के सर्वोच्च रक्षक हैं, कस्टोडियल डेथ किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है.
यह उपलब्धि सीआईएसएफ की मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह संगठन के कर्मियों के बौद्धिक विकास और समाज के महत्वपूर्ण मूल्यों को बढ़ावा देने में उनके योगदान को भी उजागर करती है. सीआईएसएफ का यह प्रयास न केवल उनकी पेशेवर जिम्मेदारियों में उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है.
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