राष्ट्रपति बशर अल असद दमिश्क छोड़ कर भाग गए हैं, विद्रोही दमिश्क में जश्न मना रहे हैं. बताया जा रहा है कि राजधानी दमिश्क को विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया है.
सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों का कब्जा हो गया है और राष्ट्रपति बशर अल असद एक विशेष विमान से दमिश्क छोड़ कर भाग गए हैं. विद्रोहियों ने असद के सैनिकों को सरेंडर करने को कहा है. कई इलाकों से सैनिक भाग गए हैं. विद्रोही दमिश्क में जश्न मना रहे हैं. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई सरकार का पतन हो गया है, जिससे असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया है. बताया जा रहा है कि राजधानी दमिश्क को विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया है. विद्रोहियों ने देश के रक्षा मंत्रालय, पब्लिक रेडियो और टीवी स्टेशन को भी अपने नियंत्रण में ले लिया है. फिलहाल विद्रोही हवाई फायरिंग कर राजधानी पर जीत का जश्न मना रहे हैं. आजादी के नारे लगा रहे हैं.
विद्रोहियों ने इस बीच सीरिया से बाहर रह रहे लोगों से अपील की है कि वे वापस लौट आएं. सीरिया में आखिरकार असद का तख्तापलट हो गया है. हालांकि, सीरियाई प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह देश छोड़कर नहीं भागेंगे, शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता को विपक्ष के हाथों में सौंपेंगे.
कई वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जिनमें सीरियाई विद्रोही दमिश्क में जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही दावा किया जा रहा है कि असद के सैनिक सिविल ड्रेस में दमिश्क छोड़कर भाग रहे हैं. वे अपनी जान बचाना चाहते हैं. इससे पहले सीरिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह शासन की बागडोर शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने के लिए तैयार हैं
इस्लामिक गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने शनिवार रात घोषणा की थी कि सीरियाई सेना द्वारा कथित तौर पर अपने बाहरी इलाके में पीछे हटने के बाद उसकी सेना सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स में प्रवेश कर गई है. यह शहर, जो भूमध्यसागरीय तट पर दमिश्क और असद के गढ़ों के बीच एक महत्वपूर्ण जंक्शन है, अब विद्रोहियों के हाथों में है. एचटीएस नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने घोषणा की कि उनकी सेनाएं “होम्स और दमिश्क की दहलीज पर हैं, और आपराधिक शासन को उखाड़ फेंकना करीब है.
भारत भी सीरिया के हालात पर नजर बनाए हुए है. सीरिया में जारी हिंसा के मद्देनजर भारत ने अपने नागरिकों को वहां की यात्रा से बचने की सलाह दी है और सीरियां में रह रहे नागरिकों से ‘अत्यंत सावधानी’ बरतने तथा आवाजाही समिति करने का आग्रह किया.
सीरिया में गृहयुद्ध कोई नई बात नहीं है, सालों से यहां हालात चिंताजनक रहे हैं. बता दें कि इस गृहयुद्ध की शुरुआत 2011 में हुई थी, उस दौरान हुई हिंसा में लाखों लोग मारे गए थे, जिसके बाद दुनियाभर में इसे लेकर चिंता जताई गई थी. यह युद्ध बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन अब इसमें कई अलग-अलग समूह शामिल हो गए हैं, जिनमें विद्रोही समूह, आतंकवादी संगठन और अन्य देशों की सेनाएं शामिल हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि इस जंग से उनका कोई लेनादेना नहीं है.
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