सोनिया गांधी और राहुल गांधी का गठबंधन जॉर्ज सोरोस के साथ था : प्रल्हाद जोशी​

 प्रल्हाद जोशी ने आईएएनएस से कहा, “कांग्रेस पार्टी हर मर्यादा को तोड़ रही है और अब यह सवाल उठने लगा है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है. क्या यह जॉर्ज सोरोस के इशारे पर हो रहा है? यह लिंक अब पूरी तरह से सामने आ गया है और खुलासा हो चुका है. इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी को पूरे देश ने खारिज कर दिया है.

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी पर अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.

प्रल्हाद जोशी ने आईएएनएस से कहा, “कांग्रेस पार्टी हर मर्यादा को तोड़ रही है और अब यह सवाल उठने लगा है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है. क्या यह जॉर्ज सोरोस के इशारे पर हो रहा है? यह लिंक अब पूरी तरह से सामने आ गया है और खुलासा हो चुका है. इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी को पूरे देश ने खारिज कर दिया है. जब उन्हें 99 सीटें मिली थीं, तब वे लोग काफी उत्साही लग रहे थे, लेकिन उनके व्यवहार के कारण अब जनता ने उन्हें हर जगह नकार दिया है.”

उन्होंने कहा, “जो पार्टियां उनके साथ जा रही हैं, वे भी डूब रही हैं. जब वे सपा के साथ जाते हैं, तो वह डूब जाती है, जब शिवसेना और एनसीपी के साथ गए तो वे भी डूब गए. अगर वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ चले तो वह भी डूब जाएगी. अब लोगों को यह समझ में आ गया है. मैं उनसे यह सवाल करना चाहता हूं कि जब मैं संसदीय मामलों का मंत्री था, तो हमने कई बार चर्चा की थी. उन्होंने भारतीय संस्थाओं और देश के सिस्टम का अपमान किया. कांग्रेस पार्टी अब सत्ता की लालच में इस हद तक गिर चुकी है कि इनका विरोध करना जरूरी हो गया है. अब यह पूरी तरह से सामने आ चुका है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का गठबंधन जॉर्ज सोरोस के साथ था.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य में जो कुछ भी करना है, वह संबंधित मंत्री और अधिकारी देखेंगे. लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर उन्हें शर्म है, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए और संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलानी चाहिए. लोकसभा स्पीकर ने भी कहा है कि नियम और प्रक्रिया के अनुसार जो निर्णय होंगे, वही चर्चा के लिए स्वीकार्य होंगे. इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी के लोग आज प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन वे समझते नहीं हैं कि कांग्रेस पार्टी को केवल अपने ‘नकली गांधी परिवार’ से बाहर किसी भी संवैधानिक पद की कोई अहमियत नहीं है. स्पीकर ने एक गाइडलाइन जारी की थी कि कोई भी प्रदर्शन संसद के द्वार पर नहीं होना चाहिए. यदि प्रदर्शन करना है, तो महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास किया जाए. उन्होंने अनुरोध किया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने संसद के द्वार को बंद कर दिया और लोगों के अधिकारों का उल्लंघन किया.”

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