सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई मामले में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा​

 सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई के मामले में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. गुजरात सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई को सही ठहराया. सरकार ने दरगाह मंगरोली शाह बाबा, ईदगाह और प्रभास पाटन, वेरावल आदि में तोड़फोड़ का बचाव किया है. 

सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई के मामले में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. गुजरात सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई को सही ठहराया. सरकार ने दरगाह मंगरोली शाह बाबा, ईदगाह और प्रभास पाटन, वेरावल आदि में तोड़फोड़ का बचाव किया है. 

गुजरात सरकार ने सुमस्त पाटनी मुस्लिम समाज द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका का विरोध किया है. सरकार ने कहा है कि यह संपत्तियां एक जल निकाय (अरब सागर) से सटी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हैं. ऐसी संपत्तियों को सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर 2024 के आदेश में बुलडोजर कार्रवाई से छूट दी गई थी, इसलिए उन्हें ध्वस्त किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा.   

गुजरात सरकार ने गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग करते हुए सुमस्त पाटनी मुस्लिम समाज द्वारा अपने अधिकारियों के खिलाफ दायर अवमानना ​​याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाबी हलफनामा पेश किया है. 

याचिका में कहा गया है कि, दरगाह मंगरोली शाह बाबा, ईदगाह और प्रभास पाटन, वेरावल, गिर सोमनाथ में स्थित कई अन्य संरचनाओं को कथित रूप से अवैध रूप से ध्वस्त करने से संबंधित है, जो कि “बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.” 

गुजरात सरकार ने हलफनामे में कहा है कि, 17 सितंबर, 2024 को उक्त आदेश पारित करते समय, और यहां तक ​​कि उक्त आदेश के बाद हुई कार्यवाही पर भी, यह न्यायालय यह स्पष्ट रूप से कहता रहा है कि ध्वस्तीकरण पर रोक “सार्वजनिक स्थानों” और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होती है. 17.09.2024 के आदेश के अनुसार “सार्वजनिक स्थान” में विशेष रूप से “जल निकाय” शामिल हैं. 

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