आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन एक लड़की को सिर्फ इसलिए ऑफिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, क्योंकि उसने स्पोर्ट्स शूज पहन रखे थे.
Sports Shoes Ke Liye Job Se Nikala: ऑफिस में अक्सर काम को लेकर नोकझोंक बनी रहती है. कभी जरा सी लापरवाही बॉस के गुस्से को सातवे आसमान पर पहुंचा देती है, तो कभी आपका काम वाहवाही लूट लेता है. सोशल मीडिया पर अक्सर ऑफिस से जुड़ी अजीबोगरीब खबरें सामने आती रहती है, जो कभी हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देती हैं, तो कभी सोचने पर मजबूर कर देती हैं. हाल ही में दफ्तर से जुड़ा एक ऐसा ही मामला इन दिनों लोगों के होश उड़ा है, जिसके बारे में जानकर आप भी अपना माथा पकड़ लेंगे.
स्पोर्ट्स शूज के चक्कर नौकरी से धोना पड़ा हाथ (woman fired for wearing sports shoes to work)
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन एक लड़की को सिर्फ इसलिए ऑफिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, क्योंकि उसने स्पोर्ट्स शूज पहन रखे थे. वायरल हो रहा यह मामला यूनाइटेड किंगडम यानि यूके से सामने आया है. इस मामले के सामने आने के बाद लोग हैरानी जताते हुए कह रहे हैं कि, क्या वाकई स्पोर्ट्स शूज पहनने पर किसी को नौकरी से निकाला जा सकता है. बताया जा रहा है कि, यूके में 20 वर्षीय एलिजाबेथ बेनासी को उनके जूतों के कारण नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि वह स्पोर्ट्स शूज पहनकर ऑफिस गई थीं.
इस वजह से दिखाया बाहर का रास्ता (Woman gets sacked for wearing sports shoes at work)
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, एलिजाबेथ बेनासी का कहना है कि उन्हें उस ऑफिस के किसी भी औपचारिक ड्रेस कोड के बारे में पता नहीं था. मैक्सिमम यूके सर्विसेज में काम करने वाली पूर्व कर्मचारी (लड़की) का कहना है कि, कंपनी का मकसद उसे निकालना था. बता दें कि, जब यह मामला एंप्लॉय जज के पास पहुंचा, तो फैसला लड़की के पक्ष में आया. यही नहीं कंपनी को मोटा मुआवजा भी देना पड़ा. लड़की के मुताबिक, उसे उसके जूतों को लेकर गलत तरीके से निशाना बनाया गया है. उसके कलीग्स भी उसके जैसे ही जूते पहनते थे, लेकिन सिर्फ उसे ही निशाना बनाया गया है.
कोर्ट पहुंचा केस तो.. (court gave this decision)
वहीं साउथ लंदन की ट्रिब्यूनल ने बेनासी का पक्ष लेते हुए कहा कि, कंपनी ने एंप्लाई के साथ ‘गलती खोजने की इच्छा’ से उसे निकाला है. बता दें कि, कोर्ट का फैसला सुनाए जाने जाने के बाद एलिजाबेथ बेनासी को 30,000 पाउंड (32,20,818 रुपये) का मुआवजा दिया गया है. वहीं इस पूरे मामले में मैक्सिमम यूके सर्विसेज ने किसी भी गलत काम से इनकार किया, ट्रिब्यूनल के फैसले ने पेशेवर वातावरण में पॉलिसी के निष्पक्ष और स्पष्ट संचार के महत्व को हाईलाइट किया है
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