चेहरे पर पिम्पल्स का स्थान हमारे स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है. इस लेख में, हम विभिन्न क्षेत्रों में पिम्पल्स के होने के कारणों और उनसे जुड़े स्वास्थ्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से समझ सकें और आवश्यक सावधानियां बरत सकें.
What Acne Spots on Your Face Mean, According to Science: चेहरे पर मुंहासे या फुंसी क्या सेहत के बारे में कुछ बताते हैं? मेडिकल साइंस के मुताबिक, इस सवाल का जवाब है हां, चेहरे पर मुंहासे स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं. अगली बार जब अपने चेहरे अलग-अलग हिस्सों पर मुंहासे देखें, तो उसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह स्वास्थ्य से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है. इन संकेतों को समझने के लिए अपने मुंहासे की जगह पर भी ध्यान देना चाहिए. क्योंकि परेशान करने वाले और दर्दनाक मुंहासे चेहरे पर महज एक निशान भर ही नहीं हैं?
चेहरे पर पिम्पल्स का होना न केवल एक कॉस्मेटिक समस्या है, बल्कि यह शरीर में कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है. हमारे चेहरे के विभिन्न हिस्सों में होने वाले पिम्पल्स विभिन्न अंगों और प्रणालियों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देते हैं. जब हम पिम्पल्स के स्थान को ध्यान से देखते हैं, तो यह समझना आसान हो जाता है कि किन अंगों या स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
उदाहरण के लिए, अगर पिम्पल्स आपकी forehead या माथे पर होते हैं, तो यह तनाव, पाचन समस्याओं या हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। वहीं, अगर पिम्पल्स आपकी गालों पर हैं, तो यह फेफड़ों से संबंधित समस्याओं या एलर्जी का संकेत हो सकता है. ठोड़ी और जबड़े के आस-पास होने वाले पिम्पल्स अक्सर हार्मोनल परिवर्तन, विशेषकर महिलाओं में, से जुड़े होते हैं.
मुंहासे क्या हैं और किन कारणों से होते हैं? (What are acne and what causes them?)
एस्थेटिक फिजिशियन के मुताबिक, “सीधे शब्दों में कहें तो, मुंहासे त्वचा की एक स्थिति है, जिसमें रोमछिद्र तेल और डेड स्किन सेल्स से भर जाते हैं. इससे अक्सर मुंहासे, ब्लैकहेड्स या व्हाइटहेड्स बनते हैं. मुंहासों के पीछे मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव, अत्यधिक तेल उत्पादन, बैक्टीरिया और यहां तक कि आनुवंशिकी भी हैं.” इसके अलावा, मुंहासे सभी प्रकार की स्किन वाले लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन कुछ खास तरह की स्किन वाले लोगों में मुंहासे होने की अधिक आशंका हो सकती है.
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Does pimple location mean anything?अलग-अलग हिस्सों पर मुंहासे कभी-कभी स्वास्थ्य से जुड़ी अंदरूनी समस्याओं या जीवनशैली के कारण होने वाली दिक्कतों का संकेत दे सकते हैं.
चेहरे के अलग-अलग हिस्सों पर मुंहासे के संकेत को कैसे समझें? (How to understand the signs of acne on different parts of the face?)
चेहरे के अलग-अलग हिस्सों पर मुंहासे कभी-कभी स्वास्थ्य से जुड़ी अंदरूनी समस्याओं या जीवनशैली के कारण होने वाली दिक्कतों का संकेत दे सकते हैं. इसे समझने के कॉन्सेप्ट को अक्सर फेस मैपिंग के रूप में पेश किया जाता है, जो बताती है कि मुंहासे का स्थान किसी भी इंसान की सेहत के बारे में सुराग दे सकता है. आइए, जानते हैं कि चेहरे के अलग-अलग हिस्सों पर मुंहासे किन बीमारियों या परेशानियों के बारे में बताते हैं. साथ ही इसका क्या इलाज हो सकता है.
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सेहत के बारे में कैसे बताते हैं मुंहासे? (6 Areas of face pimples that indicate health issues?)
1. माथे पर मुंहासे निकलने का क्या मतलब है – माथे पर मुंहासे पाचन संबंधी समस्याओं या तनाव से जुड़े हो सकते हैं. खराब आहार, नींद की कमी और अनियमित शौच की आदत इसके आम कारण हैं. कुछ हेयर प्रोडक्ट भी माथे पर मुंहासे पैदा कर सकते हैं. माथे पर मुंहासे गुर्दे या मूत्राशय से जुड़ी समस्याओं का संकेत दे सकते हैं. यह फूड प्वाइजनिंग या डिहाइड्रेशन का संकेत भी हो सकता है. इसके इलाज के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, तनाव प्रबंधन और सॉफ्ट एक्सफोलिएशन के साथ नियमित तौर पर स्किन केयर की जरूरत होती है.
2. गाल पर मुंहासे होने का क्या मतलब है- गालों पर मुंहासे अक्सर पर्यावरण संबंधी फैक्टर्स जैसे प्रदूषण और फोन स्क्रीन या तकिए के कवर से फैले बैक्टीरिया के कारण होते हैं. यह श्वसन संबंधी समस्याओं या एलर्जी से भी जुड़ा हो सकता है. अपने आस-पास की जगह को साफ रखना, नियमित रूप से तकिए के कवर बदलना और अपने चेहरे को बार-बार छूने से बचना इसकी रोकथाम में मददगार हो सकता है. इसके इलाज में सैलिसिलिक एसिड या बेंज़ोयल पेरोक्साइड फायदेमंद होते हैं.
3. जॉलाइन (जबड़े की रेखा) पर क्यों हो जाते हैं मुंहासे– हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण खास तौर पर महिलाओं में माहवारी के दौरान, जबड़े की रेखा पर मुंहासे पैदा हो सकते हैं. यह पाचन से जुड़ी समस्याओं या टाइट-फिटिंग कपड़े पहनने से भी जुड़ा हो सकता है. गर्भनिरोधक गोलियां या एंटी-एंड्रोजन जैसे हार्मोनल ट्रीटमेंट के साथ ही हेल्दी डाइट बनाए रखने से इस प्रकार के मुहांसों को ठीक करने में मदद मिलती है.
4. नाक पिम्पल निकले तो कौन सा रोग हो सकता है – नाक पर मुंहासे लिवर फंक्शन या हाई ब्लड प्रेशर की समस्याओं का संकेत हो सकते हैं. नियमित सफाई, तेल रहित मॉइस्चराइज़र और सैलिसिलिक एसिड से लैस प्रोडक्ट इसके इलाज में कारगर हो सकते हैं.
5. ठोड़ी (चिन) पर मुंहासे निकलने का क्या मतलब है- ठोड़ी पर मुंहासे अक्सर हार्मोनल असंतुलन से जुड़े होते हैं. ठोड़ी पर मुंहासे पाचन संबंधी समस्याओं या तनाव से भी जुड़े हो सकते हैं. इसका इलाज हार्मोनल थेरेपी और उचित स्किनकेयर रेजीम से किया जा सकता है.
6. गर्दन पर मुंहासे निकलने का क्या मतलब है– गर्दन पर मुंहासे हार्मोनल उतार-चढ़ाव या तनाव के चलते हुए हो सकते हैं. यह खराब ब्लड सर्कुलेशन या हृदय की बिगड़ती सेहत का संकेत भी हो सकता है. अच्छी साफ-सफाई रखना, टाइट कपड़ों से बचना और गैर-कॉमेडोजेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना इसका इलाज है.
मुंहासों पर रोकथाम और इलाज के लिए क्या करें? (What else can you do to prevent and treat acne?)
डॉक्टर्स बताते हैं कि मुंहासों से जूझ रहे लोगों को अपनी डाइट में जिंक और विटामिन सी को शामिल करना चाहिए, क्योंकि जिंक अपने सूजन-रोधी गुणों और सीबम उत्पादन को काबू करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. दूसरी ओर, विटामिन सी एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्किन को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करता है और कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है. इससे स्किन की हीलिंग और रिपेयरिंग को बढ़ावा मिलता है.
मुंहासों को खत्म करने के लिए और असरदार तरीके क्या हैं? (What are other effective ways to eliminate acne?)
अपने चेहरे को दिन में दो बार सॉफ्ट क्लींजर से साफ करके और नियमित रूप से मॉइस्चराइज करने का स्किनकेयर रूटीन बनाएं.ऐसे नॉन-कॉमेडोजेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जो आपके रोमछिद्रों को बंद न करें.जलन और बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए मुंहासे वाले क्षेत्रों को छूने या छीलने से बचें.फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार लें. साथ ही मीठा, चिकना और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें.स्किन की नमी और सेहत को बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें.तनाव से जुड़े मुंहासों को कम करने के लिए ध्यान, योग या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों को आजमाएं.
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