हरियाणा में आखिर BJP के हाथ कैसे लगी ‘जीत की जलेबी’, जरा रेसिपी समझिए​

 हरियाणा में 52 साल बाद ऐसा करिश्मा हुआ है. कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी है. आखिर बीजेपी ने हरियाणा में यह करिश्मा कैसे कर दिखाया, जानिए

हरियाणा में जीत की जलेबी BJP के हाथ लगी है. एग्जिट पोल्स के बाद जिन BJP नेताओं के चेहरे लटके हुए थे, वे अब कमल के फूल से खिले हुए हैं. राहुल गांधी ने जिस जलेबी के जरिए चुनाव में घेरा था, उसका मजा अब बीजेपी कार्यकर्ता ही ले रहे हैं. वह खूब छन रही हैं और जश्न में बंट रही हैं. मंगलवार सुबह वोटों की गिनती शुरू होने के बाद कांग्रेस मुख्यालय पर गहमागहमी थी. पोस्टल बैलट खुलने के बाद शुरुआती एक घंटे में कांग्रेस ने 90 में से 70 सीटों पर लीड ले ली. लगने लगा कि एग्जिट पोल बिल्कुल सच साबित हो रहे हैं. लेकिन एक घंटे बाद सीन पलट गया. धीरे-धीरे बीजेपी रुझानों में बहुमत के जादुई आकंड़े के पास पहुंची और फिर उसने कांग्रेस को ऐसे पीछे छोड़ा कि वह फिर आगे निकल नहीं पाई. अंबाला कैंट से पूर्व मंत्री अनिल विज समेत बीजेपी के जो बड़े चेहरे पीछे चल रहे थे, वे धीरे-धीरे रेस में आगे निकलने लगे और फिर सीन जलेबी की जश्न में बदल गया. हरियाणा में 52 साल बाद किसी पार्टी ने हैट-ट्रिक लगाई है. आखिर बीजेपी की जीत की इस जलेबी की रेसिपी क्या है, जरा समझिए… 

जरा पहले नतीजों को एक नजर में समझ लीजिए

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निर्वाचन आयोग के दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 49 सीट और कांग्रेस ने 35 सीट पर बढ़त बनायी है। निर्दलीय प्रत्याशी चार सीट पर आगे हैं जबकि इनेलो और बहुजन समाज पार्टी एक-एक सीट पर आगे है. आम आदमी पार्टी (आप) अभी मुकाबले में कहीं नहीं दिखायी दे रही है. एग्जिट पोल के दावों के विपरित परिणाम हरियाणा में देखने को मिले हैं. 

जाटलैंड में बीजेपी ने पलट दी बाजी

हरियाणा की 33 जाट बहुल सीटों पर कौन जीता

पार्टी/गठबंधनसीटें लड़ींबढ़त जीत2019 में सीटेंनफा/नुकसानBJP3315105 का फायदाआम आदमी पार्टी33000कांग्रेस+3316124 का फायदाइनेलो+32011 सीट का नुकसानजेजेपी+31077 सीटों का नुकसान

जाट बहुल  (25 पर्सेंट से ज्यादा) वाली सीटों पर यह दावे किए जा रहे थे कि बीजेपी को इन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि जाट बहुल सीटों पर भी बीजेपी को फायदा ही हुआ है. हरियाणा में 25 पर्सेंट से अधिक जाट आबादी वाला 33 सीटें हैं. इनमें 15 सीटें बीजेपी के खाते में आती दिख रही हैं. इस तरह बीजेपी को 2019 की तुलना में 5 सीटों का सीधा फायदा है. जाट बहुल सीटों पर फायदा कांग्रेस को भी हुआ है, लेकिन बीजेपी से कम. 2019 में कांग्रेस के खाते में 12 सीटें थीं, जो इस बार बढ़कर 16 हो रही हैं.  जेजेपी को बड़ा नुकसान है. दरअसल जाट वोट बंटा है. हरियाणा के जाटलैंड में जेजेपी 7 से जीरो हो गई है. आधी जलेबी बीजेपी तो आधी कांग्रेस के हिस्से चली गई है. 

शहरी सीटों पर BJP ने नहीं खोई पकड़

पार्टी/गठबंधनशहरी सीटें (31)बढ़त/जीतपहलेफायदाBJP30 पर लड़े21210कांग्रेस+31 पर लड़े871 सीट का फायदा इनेलो+29 पर लड़े000जेजेपी+25 सीटों पर लड़े011 सीट का नुकसान

भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा में ऐतिहासिक जीत की एक बड़ी वजह शहरी मतदाता भी रहा. नतीजे बता रहे हैं कि शहरी वोटरों में बीजेपी को लेकर भरोसा बना हुआ है. हरियाणा में शहरी सीटों की बात करें तो 90 में से 31 सीटों को इस कैटिगरी में रखा जा सकता है. नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने इनमें से 21 सीटों पर कामयाबी हासिल की है. 2019 में जब बीजेपी ने कुल 40 सीटें जीती थीं, तब भी उसके खाते में 21 शहरी सीटें थे. नतीजे बता रहे हैं कि शहर में भगवा पार्टी का जनाधार बना हुआ है. कांग्रेस ने भी शहर में अपनी पकड़ बढ़ाई है. 2019 में उसके खाते में 7 सीटें शहर से थीं, जो इस बार बढ़कर 8 हो गई हैं. इस तरह कांग्रेस को एक सीट का फायदा हुआ है. कांग्रेस ने यह एक सीटी जेजेपी से छीनी है.  

ग्रामीण क्षेत्र की सीटों पर बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़ा
ग्रामीण क्षेत्र की सीटों पर भी बीजेपी को जैसी उम्मीद थी उससे बेहतर परिणाम सामने आए हैं. बीजेपी को जहां जाट बहुल क्षेत्र में नुकसान हुआ है वहीं दलित बहुल सीटों और ग्रामीण क्षेत्रों की सीटों पर बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है.  बीजेपी को उम्मीद से बढ़कर इस क्षेत्र में सफलता मिली है. 

निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी कांग्रेस को दिया झटका
निर्दलीय उम्मीदवारों में कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल हिसार सीट से अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राम निवास राड़ा से 3,836 मतों के अंतर से आगे हैं. भाजपा विधायक कमल गुप्ता हिसार से पिछड़ गए हैं. बाला छावनी से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अनिल विज 671 मतों के मामूली अंतर से निर्दलीय प्रत्याशी चित्रा सरवारा से पीछे हैं. 

बढ़त बनाने वाले अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों में गन्नौर से देवेंद्र कादियान (बागी भाजपा नेता) और बहादुरगढ़ से राजेश जून (बागी कांग्रेस नेता) शामिल हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अत्तर लाल अटेली सीट पर भाजपा की अपने प्रतिद्वंद्वी आरती सिंह राव से 5,424 मतों के अंतर से आगे हैं.आरती केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंदरजीत सिंह की बेटी हैं.बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था.

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