हरियाणा के मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीतने पर शीर्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि, उन पर जनता का बहुत दबाव है और वे पार्टी में अपनी वरिष्ठता के आधार पर इस पद के लिए दावा पेश करेंगे.
हरियाणा के मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीतने पर शीर्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि, उन पर जनता का बहुत दबाव है और वे पार्टी में अपनी वरिष्ठता के आधार पर इस पद के लिए दावा पेश करेंगे.
विज ने कहा, “वे नियुक्त करते हैं या नहीं, यह उनका विशेषाधिकार है.” हालांकि, बीजेपी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही इस पद के लिए उसके उम्मीदवार बने रहेंगे. विज की घोषणा अपने अनुशासन पर गर्व करने वाली पार्टी के लिए संकट का संकेत हो सकती है.
हालांकि कई राज्यों में बीजेपी में गुटबाजी है, लेकिन पार्टी के फैसले को इस तरह खुली चुनौती देना दुर्लभ है. पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे “हरियाणा को बदल देंगे.”
अनिल विज ने कहा है कि, ”आज तक मैंने अपनी पार्टी से कुछ नहीं मांगा. मैं छह बार का विधायक हूं. अपनी वरिष्ठता की वजह से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करता हूं. उन्होंने कहा कि फैसला आलाकमान को करना है. उन्होंने कहा कि यदि मुझे इस बार मुख्यमंत्री बना दिया तो मैं हरियाणा की तकदीर बदल दूंगा, तस्वीर बदल दूंगा.” अनिल विज के इस बयान से हरियाणा बीजेपी में खींचतान के संकेत मिलने लगे हैं.
अनिल विज को मुख्यमंत्री पद के लिए दो बार नजरअंदाज किया गया, एक बार जब मनोहर लाल खट्टर को चुना गया और दूसरी बार जब नायब सिंह सैनी ने खट्टर की जगह ली. सन 2014 में विज इस पद के दावेदारों में सबसे आगे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने खट्टर को चुना. खट्टर को केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह का करीबी माना जाता है.
जब मनोहरलाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया तो विज को गृह मंत्रालय का महत्वपूर्ण कार्यभार दिया गया और वे कैबिनेट में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्री बन गए. बाद में खट्टर की जगह सैनी को चुने जाने से विज बेहद परेशान थे. खट्टर के मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री और राज्य में पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता के रूप में उनका विचार था कि यह पद उनको मिलना चाहिए.
इस बार विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री अनिल विज को अंबाला छावनी सीट से मैदान में उतारा गया है. हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होंगे और 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी.
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