सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अगले महीने होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव को एक साथ लड़ने के लिए ‘सैद्धांतिक समझ’ पर पहुंच गई हैं.
लोकसभा चुनाव वाला आइडिया अब विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हरियाणा विधानसभा चुनाव से एक बड़ा प्रयोग करने जा रहे हैं. हरियाणा चुनाव इसकी प्रयोगशाला बन सकती है. इसके तहत राहुल गांधी विपक्षी वोटों के बिखराव को रोकना चाहते हैं और भाजपा से सीधे मुकाबला चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस (Congress) की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ समझौते को लेकर प्रदेश के नेताओं को कहा है.
कैसे होगी सहमति?
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अगले महीने होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव को एक साथ लड़ने के लिए ‘सैद्धांतिक समझ’ पर पहुंच गई हैं. अगला कदम विधानसभा की 90 सीटों का बंटवारा है. सूत्रों ने कहा कि शुरुआती बातचीत में आप ने 10 सीटों की मांग की है, जबकि कांग्रेस केवल पांच से सात सीटें देने को तैयार है.
हरियाणा जीत रही है कांग्रेस?
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के आप से गठबंधन की बात कहते ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, अजय माकन सहित रणदीप सुरजेवाला तक ने दलीलें देनी शुरू कर दीं कि हम तो जीत रहे हैं. आप 4-5 सीटों से ज्यादा मांग रही है और इतनी सीटें देकर समझौता करना सही नहीं होगा. हालांकि, राहुल गांधी के जोर देने के बाद दबे मन से ही सही अब आप के साथ फाइनल बात होगी. राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी (SP) के साथ भी हरियाणा में गठबंधन करने का फैसला किया है और उसकी पसंद की एक सीट देकर गठबंधन फाइनल करने का सुझाव दिया है.
त्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के पास अपने दम पर चुनाव लड़ने की ताकत नहीं है, इसलिए वह आम आदमी पार्टी (आप) के साथ नजदीकियां बढ़ा रही है. उन्होंने पांच अक्टूबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर बातचीत कर रही दोनों पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए यह कहा.
कांग्रेस और आप के करीबी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दोनों दल हरियाणा में गठबंधन पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अब तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री ने कहा,‘‘कांग्रेस के पास हरियाणा में अपने दम पर चुनाव लड़ने की ताकत नहीं है, यही वजह है कि वे अब आप के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं और पार्टी के साथ गठबंधन कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि कल तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित हरियाणा कांग्रेस के सभी नेता यह दावा कर रहे थे कि कांग्रेस के टिकट के लिए बहुत सारे दावेदार हैं.
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