October 5, 2024
'हर दो तीन दिन में...': बदलापुर रेप केस में पुलिस से बचने के लिए क्या क्या जुगत लगाते रहे ट्रस्टी

‘हर दो-तीन दिन में…’: बदलापुर रेप केस में पुलिस से बचने के लिए क्या-क्या जुगत लगाते रहे ट्रस्टी​

Badlapur rape case: महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में स्थित स्कूल के दो ट्रस्टी पुलिस से बचने के लिए हर दो-तीन दिन में अपना ठिकाना बदलते रहे, अपने फोन बंद कर लिए. इसके अलावा डेढ़ महीने तक फरार रहने के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने परिजनों से संपर्क नहीं किया. स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने यौन उत्पीड़न किया था.

Badlapur rape case: महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में स्थित स्कूल के दो ट्रस्टी पुलिस से बचने के लिए हर दो-तीन दिन में अपना ठिकाना बदलते रहे, अपने फोन बंद कर लिए. इसके अलावा डेढ़ महीने तक फरार रहने के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने परिजनों से संपर्क नहीं किया. स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने यौन उत्पीड़न किया था.

Badlapur rape case: महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में स्थित स्कूल के दो ट्रस्टी पुलिस से बचने के लिए हर दो-तीन दिन में अपना ठिकाना बदलते रहे, अपने फोन बंद कर लिए. इसके अलावा डेढ़ महीने तक फरार रहने के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने परिजनों से संपर्क नहीं किया. स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने यौन उत्पीड़न किया था.

बदलापुर में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न मामले में की जांच कर रही स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) को पूछताछ के दौरान स्कूल ट्रस्टी उदय कोतवाल और तुषार आप्टे ने बताया के उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी. दोनों ही इस वारदात की खबर फैलने के बाद बेहद अधिक घबरा गए थे और कार्रवाई के डर से भाग रहे थे. दोनों ही पहले जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.

एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि, उदय कोतवाल और तुषार आप्टे वारदात के कुछ दिनों बाद 20 अगस्त को बदलापुर से भाग गए थे. उन्हें यह स्पष्ट होने लगा था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. ठाणे पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती थी क्योंकि उसे संदेह था कि घटना की सूचना न देकर उन्होंने लापरवाही बरती है.

अंदाजा लग गया था कि तय है गिरफ्तारी

एसआईटी सूत्रों के अनुसार दोनों ट्रस्टियों को जब यह अंदाजा लग गया कि उनकी गिरफ्तारी होना तय है तो वे मुंबई से होते हुए सतारा में जाकर छिप गए. स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम और पुलिस दोनों को ढूंढ न सके इसके लिए दोनों ने मोबाइल फोनों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था. दोनों को यह भी पता था कि पुलिस उनके परिवार पर भी नजर रख रही है, इसलिए उन्होंने दो महीने तक परिवार से भी संपर्क नहीं किया.

दोनों ट्रस्टी ढाई महीनों से लगातार गिरफ्तारी से बचने के लिए पश्चिम महाराष्ट्र में छिप रहे थे. वे हर दो से तीन दिन में अपनी जगह बदल लेते ताकि पुलिस उनको ट्रैक न कर पाए. इस बीच दोनों ने ही बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दाखिल की थी जिसको खारिज कर दिया गया था.

इस मामले में दोनों ट्रस्टियों को जमानत मिल गई है. दोनों पर लगे आरोप जमानती थे इस वजह से कल्याण कोर्ट ने उनको जमानत दोनों ही मामलों में दे दी है.

रेप के आरोपी की मौत

बदलापुर के स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के रेप के आरोपी स्वीपर अक्षय शिंदे की सोमवार की शाम को एक पुलिसकर्मी की कथित तौर पर पिस्तौल छीनने और गोली चलाने के बाद पुलिस की जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई थी.

बदलापुर के एक स्कूल में 12 और 13 अगस्त को दो बच्चियों के साथ रेप की घटना हुई थी. स्कूल के सफाई कर्मचारी पर दुष्कर्म का आरोप लगा. स्कूल के शौचालय के सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे ने कथित तौर पर इन नाबलिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था. इस घटना के विरोध में महाराष्ट्र में लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला था. ठाणे में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए थे.

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