हिजबुल्लाह की इस ताकत ने उड़ा दिए हैं इजरायल होश​

 इजरायल एक तरफ गाज़ा (Israel Hamas war) पर ताबड़तोड़ हमले किए पड़ा है और दूसरी तरह लेबनान (Israel Lebanon war) में हिजबुल्लाह पर लगातार हमले किए जा रहा है. हिजबु्ल्लाह पर हमले होते हुए करीब एक महीना होने जा रहा है. ऐसे में हिजबुल्लाह भी न तो झुकता दिख रहा है और न ही इजरायल की ओर से कोई नरमी बरती जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूर इजरायल को शांत करने की कोशिशें आरंभ हो गई हैं.  वहीं, इजरायल की ओर से अभी तक गाज़ा या कहें हमास को लेकर कोई ढिलाई करने के मूड में नहीं है. लेकिन, दूसरी तरफ लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों को लेकर कुछ शर्तों के साथ हमले रोकने की बात को तैयार है. आखिर ऐसा क्यों है. इसके पीछे जो वजह निकलकर सामने आ रही है वह जानकर अमेरिका से लेकर कई दमदार देश हैरान हैं. 

Israel Hezbollah War: इजरायल एक तरफ गाज़ा (Israel Hamas war) पर ताबड़तोड़ हमले किए पड़ा है और दूसरी तरह लेबनान (Israel Lebanon war) में हिजबुल्लाह पर लगातार हमले किए जा रहा है. हिजबु्ल्लाह पर हमले होते हुए करीब एक महीना होने जा रहा है. ऐसे में हिजबुल्लाह भी न तो झुकता दिख रहा है और न ही इजरायल की ओर से कोई नरमी बरती जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूर इजरायल को शांत करने की कोशिशें आरंभ हो गई हैं.  वहीं, इजरायल की ओर से अभी तक गाज़ा या कहें हमास को लेकर कोई ढिलाई करने के मूड में नहीं है. लेकिन, दूसरी तरफ लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों को लेकर कुछ शर्तों के साथ हमले रोकने की बात को तैयार है. आखिर ऐसा क्यों है. इसके पीछे जो वजह निकलकर सामने आ रही है वह जानकर अमेरिका से लेकर कई दमदार देश हैरान हैं. 

इजरायली नौसेना की चिंता

येरुसेलम पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक इज़रायली नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि हिज़्बुल्लाह के पास अभी भी एक कार्यरत नौसैनिक शाखा है जिसके पास जहाज-रोधी मिसाइलें और संभावित नौसैनिक बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं. यह डर इजरायल की नौसेना को सता रहा है. 

Naval IDF
Photo Credit: www.idf.il/

हिजबुल्लाह के पास नौसेना की ताकत

बता दें कि आईडीएफ ने पिछले दशक में हिज़्बुल्लाह की नौसैनिक क्षमताओं पर बारीकी से नज़र रखी है. इसका अधिकांश ध्यान रूस निर्मित सुपरसोनिक याखोंट मिसाइल पर था. एक आकलन के मुताबिक, मिसाइल रूस से सीरिया को बेची गई थी और फिर हिजबुल्लाह को हस्तांतरित कर दी गई थी.

ईरान की मदद से नौसेना तैयार

कहा जा रहा है कि हिजबुल्लाह ने ईरान के समर्थन से एक गुप्त नौसैनिक इकाई तैयार की है. इसने काफी तैयारी कर ली है लेकिन, इजरायल समय-समय पर इसे कम करता रहा है.  इस बात पर इजरायल लगातार नज़र बनाए रखे था और धीमें-धीमें अपनी तैयारी भी करता आया है. हिजबुल्लाह की नौसैनिक इकाई के पास पोर्ट पर हमले की क्षमता है और इजरायल की नौसेना को इसी बात का डर सताता है. इजरायल के पास तकनीक रूप से उन्नत मिसाइलें और राडार सिस्टम हैं. इजरायल की एक और चिंता यह है कि यमन में हूती आतंकियों के पास भी कुछ मिसाइलें हो सकती हैं. 

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हिजबुल्लाह की नौसेना के पास मिसाइलें

इजरायल के नौसेना के अधिकारियों का मानना ​​है कि लेबनानी जलक्षेत्र के पास हिजबुल्लाह अचानक नौसैनिक हमले का प्रयास कर सकता है. लेकिन, आईडीएफ की समुद्री सतर्कता के कारण इस बात की संभावना कम ही लगती है. 

गौरतलब है कि दूसरे लेबनान युद्ध के दौरान हिजबुल्लाह ने आईएनएस हनीत पर सी-802 मिसाइल से हमला किया था. अब इजरायल का मानना है कि तब से लेकर आज तक हिजबुल्लाह की नौसेना ने अपने हथियारों और मिसाइलों को उन्नत तो जरूर ही किया होगा. पिछले एक दशक में यह तैयारी काफी हो चुकी होगी. 

ईरान ने चोरी-छिपे सप्लाई की मिसाइलें

इजरायल की आईडीएफ का मानना है कि कि ईरान ने वर्तमान युद्ध से पहले और उसके दौरान हिज़्बुल्लाह को चोरी-छिपे विभिन्न प्रकार की मिसाइलों की सप्लाई जरूर की होगी. 

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हूती आतंकी भी इस्तेमाल कर चुके हैं मिसाइल

इजरायली रक्षा विशेषज्ञों की राय है कि हूती आतंकियों ने एक नौसैनिक बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया था जिसने कई पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को आश्चर्यचकित कर दिया था. उस मिसालइ में इसमें लक्ष्य हासिल करने की इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल क्षमता थी. उनका मानना है कि यह मिसाइल एक खतरनाक हथियार है. यह मिसाइल बहुत सटीक हमला करती है और इसे समय से पहचानना और नष्ट करने की क्रिया करना मु्श्किल हो जाता है. यह एक चुनौती है जिससे निपटने की जरूरत है. 

चीन के पास हैं ऐसी मिसाइलें

इजरायल के रक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि  हम जानते थे कि चीनियों के पास भी ऐसी ही मिसाइलें हैं, लेकिन ईरानियों ने क्षमता को उन्नत करके और इसे हूती आतंकियों को हस्तांतरित करके आश्चर्यचकित कर दिया है. पिछले साल हूतियों के इन मिसाइलों के हमले को देखा जा चुका है, ये मिसाइल तब निशाने से कुछ चूक गई थीं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब इन्हें और सुधारा जा चुका होगा. ये मिसाइल अचानक ऐसा कोण बनाकर हमला कर देती हैं इन्हें रोक पाना मुश्किल हो जाता है. 

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