हिन्दी दिवस क्विज़ : अपना भाषा ज्ञान जांचें – भाग 2​

 NDTV एक बेहद रोचक हिन्दी क्विज़ लेकर आया है, जिसकी सहायता से आप अपना भाषा ज्ञान तो जांच ही पाएंगे, अपने भीतर मौजूद हिन्दी भाषा के शब्दकोश का विस्तार भी कर पाएंगे. NDTV ने सात हिन्दी शब्दों को दो-दो बार लिखा है, जिनमें से एक वर्तनी सही है, और एक गलत. आपको सिर्फ़ इतना बताना है कि किसी शब्द की सही वर्तनी क्या है.

हिन्दी प्रेमियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हिन्दी दिवस बेहद करीब आ गया है, और NDTV इस अवसर पर आपके लिए एक बेहद रोचक क्विज़ लेकर आया है, जिसके अन्य भाग हिन्दी क्विज़ – भाग 1हिन्दी क्विज़ – भाग 3हिन्दी क्विज़ – भाग 4 तथा हिन्दी क्विज़ – भाग 5 भी यहीं उपलब्ध हैं. इस सीरीज़ में दी गईं क्विज़ की सहायता से आप अपना भाषा ज्ञान तो जांच ही पाएंगे, अपने भीतर मौजूद हिन्दी भाषा के शब्दकोश का विस्तार भी कर पाएंगे. हर हिन्दी क्विज़ में NDTV ने सात हिन्दी शब्दों को दो-दो बार लिखा है, जिनमें से एक वर्तनी सही है, और एक गलत. आपको सिर्फ़ इतना बताना है कि किसी शब्द की सही वर्तनी क्या है.

तो खेलकर देखें NDTV.in की क्विज़ – ‘अपना भाषा ज्ञान जांचें : भाग 2’

वास्तव में, हमारे देश में ढेरों भाषाएं लिखी-पढ़ी और बोली जाती हैं, और उत्तर भारत के ज़्यादातर भाग में हिन्दी और उससे पैदा हुई बोलियां ही प्रमुख रूप से प्रचलित हैं. भारत के करोड़ों नागरिकों की मातृभाषा हिन्दी ही है, और इस क्षेत्र के स्कूलों में भी अनिवार्य रूप से हिन्दी पढ़ाई जाती है.

— ये भी खेलें —
* हिन्दी दिवस क्विज़ : अपना भाषा ज्ञान जांचें – भाग 1
* हिन्दी दिवस क्विज़ : अपना भाषा ज्ञान जांचें – भाग 3
* हिन्दी दिवस क्विज़ : अपना भाषा ज्ञान जांचें – भाग 4
* हिन्दी दिवस क्विज़ : अपना भाषा ज्ञान जांचें – भाग 5

लेकिन पिछले कुछ सालों में साफ़ दिखाई देता है कि हमारी नई पीढ़ी हिन्दी, और खासतौर से हिन्दी व्याकरण पर मेहनत नहीं करती. उसके पीछे संभवतः एक बड़ी वजह यह है कि बचपन से ही हमारे दिमाग में यह सोच बस जाती है कि हिन्दी हम बोलते हैं, सो, हिन्दी हमें आती है. बस, फिर मेहनत बाकी शेष विषयों में करते रह जाते हैं, और हिन्दी इग्नोर हो जाती है.

इसी का नतीजा होता है कि वाक्य-विन्यास और व्याकरण तो छोड़िए, हमारे बच्चे हिन्दी शब्दों की Spellings, यानी वर्तनी में भी गलतियां करने लगे हैं, और उन्हें पता भी नहीं चलता. ज़्यादा दुःख इसलिए भी होता है कि सिर्फ़ बच्चे नहीं, आज के युवा, और युवाओं के अभिभावक भी यही गलतियां कर बैठते हैं. हिन्दी के शब्दों में गलत मात्राएं लगाने जैसी गलतियां तो सरकारी विभागों में भी बेहद आम है.

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