Gujarat Lucky Car Samadhi : गुजरात के अमरेली में एक कार को समाधि देने का अनोखा मामला सामने आया है. समाधि के बाद करीब 1500 लोगों को भोज भी कराया गया.
साधु-संतों के समाधि लेने की खबरें हम अक्सर सुनते रहते हैं, लेकिन गुजरात में एक शख्स ने अपनी लकी कार को ही समाधि (Gujarat Lucky Car Samadhi) दे दी. उस पर सैंकड़ों लोगों को भोज भी कराया गया. किसी कार को समाधि देने और उसके बाद भोज कराने का मामला शायद ही आपने कभी देखा या सुना होगा. यह अनोखा मामला गुजरात के अमरेली से सामने आया है, जहां पर एक शख्स ने अपनी कार को10 फीट गहरा गड्ढा खोदकर विधि-विधान से समाधि दी और फिर धूमधाम से 1500 लोगों को भोजन कराया है. इस पर कार्यक्रम पर करीब चार लाख रुपये का खर्च आया है.
अमरेली के पदरसिंगा गांव में एक किसान संजय पोलारा ने अपनी पुरानी कार को समाधि दी है. इसके लिए शानदार आयोजन किया गया. ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर पूरा गांव जोश में नजर आया. इस मौके पर पोलारा ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों को भी कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से बुलाया.
Gujarat: In Amreli, farmer Sanjay Polra gave his 15-year-old car a symbolic “final resting place” in gratitude for the prosperity it brought his family. The family held a ceremony with the village, planting trees at the site to commemorate their fortune-changing vehicle pic.twitter.com/vtoEkVQLIP
— IANS (@ians_india) November 8, 2024
संत-महंतों और लोगों की मौजूदगी में समाधि
संजय पोलारा की पुरानी कार को फूलों से सजाया गया और बड़ी संख्या में संत-महंतों की मौजूदगी में पूरा गांव कार को समाधि देने के मौके पर मौजूद रहा. कार के प्रति संजय पोलारा का प्रेम जिसने भी देखा वो हैरान रह गया.
संजय पोलारा ने 2013-14 में यह वेगनआर कार खरीदी थी. कंस्ट्रक्शन के बिजनेस से जुड़े पोलारा का मानना है कि यह कार उनके लिए लकी रही और इसके आने के बाद उनके जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले.
इसलिए दी गई भाग्यशाली कार को समाधि
पोलारा के मुताबिक, कार के उनके यहां पर आने के बाद न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से वे और मजबूत हुए बल्कि समाज में भी उनका रुतबा काफी बढ़ा. यही कारण रहा कि उन्होंने कार को समाधि देने का फैसला किया. आज उनके पास ऑडी कार है, लेकिन इस कार से उन्हें काफी लगाव था.
पोलारा ने कहा कि यह कार मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी भाग्यशाली साबित हुई है. वह चाहते हैं कि उनके परिवार की आने वाली पीढ़ी यह याद रखे इसलिए कार को खेत में समाधि दी गई है.
विशेष पूजा के बाद दी गई कार को समाधि
समाधि कार्यक्रम में पहले एक गड्ढा खोदा गया. कार को फूलमालाओं से सजाया गया. पंडित ने विशेष पूजा और मंत्रोच्चार किया. इसके बाद कार को समाधि के लिए बनाए गए गड्ढे में उतारा गया और फिर बुलडोजर से उस पर मिट्टी डालकर समाधि दी गई.
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