शुक्रवार को आलोक राज की जगह 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का दायित्व सौंपा गया है.
भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और बिहार के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने शनिवार को कहा कि वे 105 दिनों तक पद पर रहे. उन्हें संतोष है कि इस दौरान वे आम जनता के डीजीपी बने रहे. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रतिदिन जब भी मैं कार्यालय में रहा, लोगों से मिला और उनकी समस्याओं का समाधान किया. लोक शिकायत निवारण के माध्यम से भी आम लोगों की समस्याओं का निष्पादन किया.
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि बिहार सरकार ने मुझे डीजीपी पद पर काम करने का मौका दिया. उसमें मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया. हालांकि, यह अवधि मात्र 105 दिन की थी. लेकिन, इस दौरान हमारे कनीय अधिकारियों और कर्मियों ने पूरी ईमानदारी से साथ दिया.”
उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान तीन कुख्यात अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. जबकि, चार अन्य अपराधी घायल हुए. कई इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. भारी मात्रा में हथियार और गोलियां बरामद की गई. इन उपलब्धियों के लिए उन्होंने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अपर पुलिस महानिदेशक और उनकी टीम को भी बधाई और शुभकामना दी.
उन्होंने सारण में तीन लोगों की हत्या मामले में नए कानूनी प्रावधानों के तहत अभियुक्तों को 50वें दिन ही अदालत से सजा सुनाए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि पूरे देश में यह पहली बार हुआ जब इतने कम समय में मामले का अनुसंधान किया गया. इसके लिए उन्होंने सारण के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष और उनकी पूरी टीम को भी बधाई दी.
उन्होंने कहा, “इस दौरान पुलिस के कल्याण के लिए भी कई कार्य किए गए. पुलिस विभाग के कल्याण के लिए जो हमने किया, मुझे ऐसा लगता है कि हमने उनके लिए बहुत अच्छा काम किया और मुझे इस बात की संतुष्टि है. इस दौरान विधि व्यवस्था में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई.”
उन्होंने नए पुलिस महानिदेशक को भी बधाई दी. उन्होंने कहा, “पटना साइंस कॉलेज में आईएससी करने के दौरान मेरे सहपाठी रहे विनय कुमार को पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें हम विशेष रूप से बधाई देते हैं.”
शुक्रवार को आलोक राज की जगह 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का दायित्व सौंपा गया है.
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