कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स 34 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के लिए 4 शर्तें रखी हैं. राज्य सरकार से डॉक्टरों ने 5 मांगें भी की हैं.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ममता सरकार ने तीसरी बार जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए चिट्ठी लिखी है. सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मिलने के लिए बुलाया. सीएम राज्य सचिवालय नबान्नो में 2 घंटे तक इंतजार करती रहीं. लेकिन हड़ताल कर रहे डॉक्टर बाहर एक मांग को लेकर अड़े रहे. डॉक्टरों की मांग है कि सीएम से मुलाकात और बातचीत का लाइव टेलीकास्ट किया जाए. इसके बाद सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने डॉक्टरों से बात करने की पूरी कोशिश की. तीन दिनों तक उनसे मिलने का इंतजार किया. आज नबान्नो में 2 घंटे तक उनका इंतजार करने पर भी वो मिलने नहीं आए. मैं इस्तीफा देने को भी तैयार हूं.” सीएम ने कहा, “पहले हमने लाइव टेलीकास्ट की परमिशन दी थी. लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट और CBI में है. लिहाजा इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.” वहीं, डॉक्टरों ने कहा कि अगर मीटिंग का लाइव-टेलीकास्ट नहीं किया गया, तो वो मीटिंग में शामिल नहीं होंगे.
RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | West Bengal CM Mamata Banerjee says “I am ready to resign from the Chief Minister of West Bengal. I am not concerned about the post. I want justice, I am only concerned about justice getting served.” pic.twitter.com/tPoZnTVU3z
— ANI (@ANI) September 12, 2024
बंगाल की जनता से मांगती हूं माफी- ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने कहा, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर का मामला कोर्ट में है. इसलिए हम मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत नहीं दे सकते थे. हमने इस बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग करने की तैयारी की थी. अगर डॉक्टर्स चाहते, तो हम सुप्रीम कोर्ट की इजाजत लेकर उनसे यह रिकॉर्डिंग शेयर कर देते. लेकिन वो अपनी बात पर अड़े हुए हैं. मैं बंगाल की जनता से माफी मांगती हूं. मैं डॉक्टरों को वापस नहीं बुला सकी. मुझे सीएम पद से कोई मोह नहीं है.”
बंगाल के चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को गुरुवार शाम 5 बजे राज्य सचिवालय में मुलाकात के लिए बुलाया था. डॉक्टर्स 5:25 बजे यहां पहुंचे. सरकार ने मुलाकात के लिए 15 डॉक्टरों के डेलीगेशन को मंजूरी दी थी. हालांकि, डेलीगेशन में 30 सदस्य थे. डॉक्टर्स मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट कराने की मांग पर अड़े हैं. लिहाजा अब तक मीटिंग शुरू नहीं हो पाई है.
पिछले 3 दिनों में सरकार की ओर से डॉक्टरों के साथ बातचीत की यह तीसरी पहल है. डॉक्टर्स ने पिछले दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया था. डॉक्टरों ने सीएम से बातचीत के लिए 4 शर्तें रखी हैं:-
-मीटिंग में जूनियर डॉक्टरों का 30 डेलीगेशन को शामिल करने की इजाजत मिले.
-मीटिंग नबन्नो में हो. ट्रांसपिरेंसी के लिए मीटिंग की लाइव टेलीकास्ट की जाए.
-मीटिंग का पूरा फोकस जूनियर डॉक्टर्स की 5 मांगों पर हो.
-मीटिंग में सीएम ममता बनर्जी जरूर शामिल हों.
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डॉक्टरों की क्या हैं 5 मांगें?
-आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर के साथ-साथ सबूतों से छेड़छाड़ करने वाले सभी लोगों की गिरफ्तारी हो. उन्हें सजा मिले.
– मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो.
-कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल इस्तीफा दें.
– हेल्थ वर्कर्स की सिक्योरिटी बढ़ाई जाए.
– पश्चिम बंगाल के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में थ्रेट कल्चर (डॉक्टरों को धमकी देना और हमले करने की घटनाएं) बंद हो.
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सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल पर क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों को प्रदर्शन खत्म करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था कि सभी डॉक्टर 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक हड़ताल खत्म कर ड्यूटी पर लौटें. कोर्ट ने आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को एक्शन लेने को कहा था.
हालांकि, डॉक्टर्स अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन करने के फैसले पर डटे रहे. उन्होंने 10 सितंबर को स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. तब से ममता सरकार डॉक्टरों से बातचीत की कोशिश में लगी हुई है.
9 अगस्त की मिली थी ट्रेनी डॉक्टर की लाश
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त की सुबह 31 साल के ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न लाश मिली थी. रेप के बाद उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी. अटॉप्सी रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई. इस मामले में सिविक वॉलन्टियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले के 3 दिन बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल संदीप घोष ने इस्तीफा दे दिया. उसी दिन उन्हें दूसरे कॉलेज में अपॉइंट कर दिया गया. इसके बाद देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी. मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने मामले की CBI जांच के आदेश दिए. 16 अगस्त को CBI ने संदीप घोष को अरेस्ट किया.
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