20 नंबर पर बनी दो फिल्में, इनमें 27 साल का अंतर, दोनों रहीं ब्लॉकबस्टर- लेकिन देखना अपने रिस्क पर​

 एक ही नाम से बनी अगर पहली फिल्म हिट है तो उसी नाम की दूसरी फिल्म से भी वही उम्मीदें होती हैं. अगर पहली फिल्म फ्लॉप है तो सेम नाम की दूसरी फिल्म को खुद को साबित करना पड़ता है.

एक ही नाम पर दो फिल्में बनती हैं तो दूसरी फिल्म के नाम पर बड़ी चुनौती सामने आ जाती है. अगर पहली फिल्म हिट है तो उसी नाम की दूसरी फिल्म से भी वही उम्मीदें होती हैं. अगर पहली फिल्म फ्लॉप है तो सेम नाम की दूसरी फिल्म को खुद को साबित करना पड़ता है. ऐसा इत्तेफाक कई बार हुआ है. हिंदी सिनेमा में करीब 27 साल के गैप में एक ऐसी ही फिल्म बनी. जो पहली बार रिलीज हुई तो जबरदस्त तरीके से हिट हुई. 27 साल बाद अलग कहानी, अलग चेहरों के साथ दोबारा रिलीज हुई तो भी हिट रही. इन दिनों फिल्मों के बीच एक कॉमन फैक्टर था इन फिल्मों का नाम और दोनों ही हॉरर फिल्में थीं, इसलिए हमने आपको सलाह दी कि अपने रिस्क पर ही देखना. 

क्या है 20 का चक्कर?
इन दोनों फिल्मों का नाम है बीस साल बाद. जिसमें से पहले बीस साल बाद रिलीज हुई साल 1962 में. इस मूवी में लीड रोल में थे विश्वजीत, वहीदा रहमान, मदन पुरी और असित सेन. फिल्म के गाने बेहद हिट हुए थे. बीस साल बाद नाम से ही दूसरी फिल्म रिलीज हुई साल 1988 में. इस साल मूवी में लीड रोल में थे मिथुन चक्रवर्ती, डिंपल कपाडिया और मीनाक्षी शेषाद्री. दोनों ही फिल्मों की कहानी सुपर नेचुरल पावर या कहें हॉरर बेस्ड थी. अंतर इतना था कि पहली बीस साल बाद में आत्मा का खौफ दिखाया जाता है लेकिन आत्मा होती नहीं है. जबकि दूसरी बीस साल बाद मूवी एक रोमांटिक हॉरर मूवी है.

कैसी है फिल्मों की स्टोरी?
विश्वजीत और वहिदा रहमान की मूवी बीस साल बाद एक रिवेंज स्टोरी है. जिसमें बदला लेने वाले को पहले आत्मा समझा जाता है. फिल्म के आखिर में ये खुलासा होता है कि बदला असल में एक शख्स ही ले रहा है. जबकि मिथुन चक्रवर्ती की बीस साल बाद एक पुनर्जन्म और भटकती हुई आत्मा की कहानी है. जो बीस साल बाद अपने प्रेमी से मिलने को बेताब है. दोनों ही फिल्मों को अपने अपने दौर की एक अलग स्टोरी की वजह से खूब पसंद किया गया था.

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