2025 तक मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद का होगा निर्माण : TMC विधायक का ऐलान; पार्टी ने किया किनारा​

 तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के विधायक हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) एक बार‍ अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं. इस बार उन्‍होंने बाबरी मस्जिद को लेकर बयान दिया है.

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के विधायक हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) ने मंगलवार को कहा कि वह मुर्शिदाबाद जिले में 2025 तक बाबरी मस्जिद जैसी एक मस्जिद का निर्माण कराएंगे. कबीर के इस बयान की विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है. बहरहाल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल ने कबीर के बयान से खुद को अलग कर लिया है. कबीर अक्सर अपनी विवादित टिप्पणियों कारण सुर्खियों में रहते हैं.

कबीर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘2025 तक मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसी एक मस्जिद का निर्माण होगा.”

उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना 1992 में अयोध्या में ध्वस्त की गई ऐतिहासिक मस्जिद को एक श्रद्धांजलि होगी.”

उन्होंने इसके निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय को एक साथ लाने का संकल्प लिया.

मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद के भरतपुर से विधायक कबीर ने कहा कि मस्जिद राज्य की ‘‘34 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी” की आकांक्षाओं को दर्शाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘मस्जिद बेलडांगा में बनेगी.”

राजनीतिक लाभ के लिए ध्रुवीकरण का प्रयास : अधिकारी

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह राजनीतिक लाभ के लिए समुदायों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास है.

उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल इस तरह के भड़काऊ बयान देकर जानबूझकर आग से खेल रही है. हम मुख्यमंत्री से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग करते हैं.”

मुर्शिदाबाद से संबंध रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कबीर की टिप्पणी की आलोचना की और इसे ‘‘गैर-जिम्मेदाराना” और ‘‘विभाजनकारी” बताया.

इस बीच, तृणमूल ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया. एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम गोपनीय रखे जाने की शर्त पर कहा कि कबीर द्वारा की गई टिप्पणी पार्टी के विचारों को नहीं दर्शाती.

इसका उद्देश्‍य विरासत को संरक्षित करना : कबीर

इस टिप्पणी की आलोचना होने पर कबीर ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य इतिहास का सम्मान करना है. 

उन्होंने आलोचनाओं के जवाब में कहा, ‘‘इसका उद्देश्य विभाजन पैदा करना नहीं, विरासत को संरक्षित करना है.”

कबीर ने कहा, ‘‘मैं बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर मुसलमानों द्वारा महसूस किए गए दर्द को केवल व्यक्त कर रहा था. मेरा बयान भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, न कि भड़काने के इरादे को.”

कबीर ने पिछले माह अपनी पार्टी के नेतृत्व से अपनी उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के अहम निर्णयों को एक ‘‘मंडली” प्रभावित कर रही है.
 

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