September 19, 2024
7 जिले की 24 सीटें, 219 कैंडिडेट और 8 पार्टियां... जम्मू कश्मीर में बुधवार को पहले फेज की वोटिंग

7 जिले की 24 सीटें, 219 कैंडिडेट और 8 पार्टियां… जम्मू-कश्मीर में बुधवार को पहले फेज की वोटिंग​

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज में पुलवामा की 4 सीटों, शोपियां की 2, कुलगाम की 3, अनंतनाग की 7, रामबन की 2, किश्तवाड़ की 3 सीटों और डोडा जिले की 3 सीटों पर वोटिंग होनी है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज में पुलवामा की 4 सीटों, शोपियां की 2, कुलगाम की 3, अनंतनाग की 7, रामबन की 2, किश्तवाड़ की 3 सीटों और डोडा जिले की 3 सीटों पर वोटिंग होनी है.

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा (Jammu-Kashmir Assembly Elections 2024) के चुनाव हो रहे हैं. बुधवार (18 सितंबर) को पहले फेज में 7 जिलों की कुल 24 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. फर्स्ट फेज की 24 में से 8 सीटें जम्मू डिवीजन और 16 सीटें कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में है. सबसे ज्यादा 7 सीटें अनंतनाग और सबसे कम 2-2 सीटें शोपियां और रामबन जिले की हैं. ये चुनाव इसीलिए भी खास है, क्योंकि यहां आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद ये पहला विधानसभा का चुनाव है. 2014 के इलेक्शन में जम्मू-कश्मीर एक राज्य था. BJP और PDP की गठबंधन सरकार थी. लेकिन हम हालात बदल चुके हैं. अब जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है.

आइए जानते हैं जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज में किन-किन सीटों पर वोटिंग होनी है? कौन सी हॉट सीटों पर सबकी निगाह रहेगी? मतदान को लेकर सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं:-

किस जिले की किन सीटों पर वोटिंग?
पहले फेज में पुलवामा की 4 सीटों, शोपियां की 2, कुलगाम की 3, अनंतनाग की 7, रामबन की 2, किश्तवाड़ की 3 सीटों और डोडा जिले की 3 सीटों पर वोटिंग होनी है.

पहले फेज में 23.27 लाख वोटर
चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज में कुल 23,27,580 निर्वाचक मतदान करने के लिए पात्र है. इनमें 11,76,462 पुरुष, 11,51,058 महिलाएं और 60 तृतीय लिंग मतदाता हैं. पहले फेज में 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.23 लाख युवा, 28,309 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के 15,774 बुजुर्ग मतदाता भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. 1.23 लाख फर्स्ट टाइम वोटर भी पहली दफा वोट डालेंगे.

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विस्थापित कश्मीरी पंडित भी वोट डालने के पात्र
जम्मू-कश्मीर में पहले फेज की वोटिंग में देशभर में रह रहे 35,000 से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडित 24 मतदान केंद्रों पर वोट डालने के पात्र हैं. विस्थापित कश्मीरी पंडित दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिले के 16 विधानसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.

मैदान में कितने उम्मीदवार?
जम्मू क्षेत्र के तीन जिलों और कश्मीर घाटी के चार जिलों में 24 सीटों पर 90 निर्दलीय सहित 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. पंपोर सीट पर सबसे ज्यादा कैंडिडेट हैं. सीटवार देखें, तो अनंतनाग जिले की दोरू सीट पर 10 कैंडिडेट मैदान में हैं. कोकरनाग (ST) सीट पर 10 कैंडिडेट, अनंतनाग पश्चिम में 9, अनंतनाग में 13, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा में 3, शंगस-अनंतनाग पूर्व में 13, पहलगाम में 6 उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं. डोडा जिले की भद्रवाह सीट पर 10, डोडा में 9, डोडा पश्चिम में 8, इंदरवाल में 9 उम्मीदवार मैदान में हैं. किश्तवाड़ जिले की बात करें, तो यहां की डीएच पोरा सीट पर 9, कुलगाम में 10, देवसर में 9 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

पुलवामा जिले की पंपोर सीट पर 14 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला बुधवार को होना है. त्राल में 9, पुलवामा में 12, राजपोरा में 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. रामबन जिले की रामबन सीट पर 8 और बनिहाल में 7 कैंडिडेट मैदान में हैं. शोपियां में जैनापोरा सीट पर 10 और शोपियां में 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. 24 सीटों में से 4 विधानसभा क्षेत्र ऐसे होंगे, जिन पर राजनीतिक पंडितों की नजर रहेगी. इन सीटों पर 2 PDP उम्मीदवार, 2 सिख उम्मीदवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं.

कितने निर्वाचन क्षेत्र?
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 24 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के लिए 3,276 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं. शहरी क्षेत्रों में 302 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,974 मतदान केंद्र हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी सहित चार चुनाव कर्मी तैनात रहेंगे. कश्मीरी प्रवासियों के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.

कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिरदी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विधानसभा चुनाव के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है, ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सके. बिरदी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ), जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई बलों को सुरक्षा इंतजाम में लगाया गया है.

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PDP के सबसे ज्यादा 18 कैंडिडेट्स करोड़पति
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने की रिपोर्ट के मुताबिक, फेज-1 के 219 कैंडिडेट्स की औसत संपत्ति 3 करोड़ रुपये है. पहले फेज के कुल 219 उम्मीदवारों में से 50% यानी 110 कैंडिडेट करोड़पति हैं. इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है. PDP के 21 में 18 कैंडिडेट करोड़पति हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के 16 कैंडिडेट, BJP के 11, कांग्रेस के 8 डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी ने 5 और CPIM के एक उम्मीदवार करोड़पति हैं. AAP और JDU भी चुनाव लड़ रही है. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले फेज की वोटिंग में PDP अब्दुल गफ्फार सोफी सबसे अमीर कैंडिडेट हैं, उनके पास 66 करोड़ रुपये की संपत्ति है. जबकि AAP के फयाज अहमद सोफी सबसे कम संपत्ति वाले कैंडिडेट हैं. उनके पास सिर्फ 10 हजार रुपये हैं.

36 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 219 में से 16% यानी 36 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं. 11% यानी 25 कैंडिडेट्स ऐसे हैं जिन पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. 4 उम्मीदवारों पर हत्या की कोशिश के मामले हैं. 2 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं.

इन हॉट सीटों पर रहेगी नज़र
-बिजबेहरा से चुनाव लड़ रहीं PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद वीरी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सोफी मोहम्मद यूसुफ से त्रिकोणीय मुकाबला है.

-पुलवामा सीट पर PDP के वहीद पारा चुनाव लड़ रहे हैं. वह आतंकवाद के एक मामले में आरोपी हैं. उन्हें पार्टी के पूर्व सहकर्मी और नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार मोहम्मद खलील बंद से कड़ी चुनौती मिल रही है. प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य तलत मजीद अली के भी मैदान में उतरने से इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

-73 वर्षीय मोहम्मद खलील बंद तीन बार के विधायक हैं. उन्होंने PDP के टिकट पर लगातार 2002, 2008 और 2014 का विधानसभा चुनाव जीता. हालांकि, आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद जब PDP विभाजित होने लगी, तो बंद नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए.

-36 साल के पारा ने 2008 और 2014 के चुनावों में पुलवामा से PDP के युवा नेता के रूप में उनके लिए प्रचार किया था.
अब दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कड़े चुनावी मुकाबले में हैं.

-कश्मीर में प्रमुख उम्मीदवारों में, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी कुलग्राम सीट से लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) महासचिव गुलाम अहमद मीर डूरू से तीसरी बार, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की सकीना इटू दमहाल हाजीपोरा से चुनाव लड़ रहीं हैं.

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-पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के सरताज मदनी (देवसर) और अब्दुल रहमान वीरी (शांगस-अनंतनाग) भी प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं.

– बिजबेहारा क्षेत्र में जब इल्तिजा को उतारा गया, तो PDP को बगावत भी झेलनी पड़ी थी, क्योंकि इस इलाके को PDP उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान भट रिप्रेजेंट करते रहे हैं. अब्दुल रहमान ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ 1998 के विधानसभा उपचुनावों के बाद से चार बार सीट जीती थी. BJP ने यहां से पूर्व एमएलसी सोफी यूसुफ को मैदान में उतारा है. माना जा रहा है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में बुधवार को इल्तिजा और बशीर वीरी के बीच द्विपक्षीय मुकाबला होगा.

-वैसे इल्तिजा PDP के कैडर वोट पर भरोसा कर रही हैं. वो उम्मीद कर रही हैं कि 5 अगस्त, 2019 के बाद आर्टिकल 370 पर उनका मुखर रुख युवा मतदाताओं को उनकी ओर आकर्षित कर सकता है. उनकी नियमित सोशल मीडिया उपस्थिति ने उन्हें प्रमुखता प्रदान की. इसका फायदा उन्होंने अपने चुनावी करियर में भुनाने की कोशिश की. लेकिन, जमात और AIP का गठबंधन यहां भी असर दिखा सकता है.

कुलगाम में रेड vs ग्रीन की लड़ाई
-कुलगाम विधानसभा क्षेत्र में कश्मीर घाटी के एकमात्र कम्युनिस्ट नेता मुहम्मद यूसुफ राथर अपने पैतृक गांव तारिगामी के नाम से लोकप्रिय हैं. वो पहली बाद इस इलाके में प्रतिबंधित जमात का सामना कर रहे हैं. जमात यहां JEI के पूर्व सदस्य सयार अहमद रेशी का समर्थन कर रहा है.

-त्राल विधान सभाक्षेत्र में सिंह बनाम सिंह के बीच दो सिख उम्मीदवारों की लड़ाई है. त्राल में दिलचस्प लड़ाई दो सिख उम्मीदवारों के बीच होगी.

-दक्षिण कश्मीर के त्राल से दो सिख उम्मीदवार, जबकि दक्षिण कश्मीर के त्राल से 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. यहां कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह, PDP ने रफीक अहमद नायक को उम्मीदवार बनाया है. यह इकलौती सीट है, जहां से दो अन्य सिख उम्मीदवार पुष्विंद्र सिंह और हरबख्श सिंह सासन भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.

-इंजीनियर रशीद की अवामी इतेहाद पार्टी (AIP) ने भी एक सिख उम्मीदवार डॉ. हरबख्श सिंह को मैदान में उतारा है, जिन्हें शांति के नाम से जाना जाता है.

जमात पर सब की नज़र
-जैनीपोरा से पहले सर्जन बरकटिये ने पर्व भरा था, लेकिन उसका पर्चा ख़ारिज हो गया. इसीलिए जमात अब PDP के पूर्व विधायक ऐजाज अहमद मीर का समर्थन कर रही है. अहमद मीर महबूबा मुफ्ती द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद जैनापोरा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

-इन चार सीटों के अलावा, बनिहाल और ज़ैनापोरा विधानसभा क्षेत्रों पर भी नजर रहेगी. बनिहाल विधानसभा क्षेत्र में NC और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.

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-INDIA ब्लॉक के साझेदारों ने इसे “एक दोस्ताना” प्रतियोगिता का नाम दिया है. भले ही दोनों दलों के उम्मीदवारों ने प्रचार के दौरान कुछ भी दोस्ताना नहीं रखा. कांग्रेस के दो बार के विधायक और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल और एनसी के सज्जाद शाहीन चिनाब घाटी सीट पर सीधे चुनाव में आमने-सामने हैं.

बता दें कि 90 सीटों वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए दूसरे फेज की वोटिंग 25 सितंबर को होगी. दूसरे फेज में 26 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. तीसरे फेज के लिए 1 अक्टूबर को 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.

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