चंडीगढ़। बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के साथ ही राज्यों और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच टकराव शुरू हो चुका है। पंजाब (Punjab) में प्रमुख दलों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया है। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए राजभवन (raj bhavan) का घेराव किया। अकाली दल ने इस आदेश को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की है।
राजभवन पर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि बीएसएस को सीमा से पंद्रह किलोमीटर तक जांच करने का अधिकार था लेकिन अब इसे पचास किलोमीटर कर केंद्र सरकार ने पंजाब के जनजीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप की कोशिश की है।
गृह मंत्रालय के आदेश के तत्काल बाद इस फैसले का पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी विरोध दर्ज कराया था। चन्नी ने केंद्र सरकार को बीएसएफ को लेकर किए गए आदेश को वापस लेने की अपील भी की थी। उधर, कांग्रेस के ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी इस फैसले का विरोध दर्ज कराते हुए चन्नी को भी आगाह किया है।
केंद्र ने बताया जीरो टॉलरेंस के लिए दिया आदेश
केंद्र सरकार ने कहा है कि इस कदम का मकसद आतंकवाद और सीमा पार अपराधों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ बनाए रखना है।
क्यों है राज्यों और केंद्र के बीच टकराहट
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home) ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाते हुए अब अधिकारियों को गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार दे दिया है। बीएसएफ अपने इस अधिकार का प्रयोग भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) और भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच इंटरनेशनल बार्डर्स (International Borders) के 50 किलोमीटर के दायरे में कर सकेगा। मजिस्ट्रेट के आदेश और वॉरंट के बिना भी बीएसएफ इस अधिकार क्षेत्र के अंदर गिरफ्तारी और तलाशी कर सकती है।
इन राज्यों में बढ़ाया जांच का दायरा
बीएसएफ को पहले पंजाब (Punajb), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और असम (Assam) में सिर्फ 15 किलोमीटर के दायरे में ही जांच का अधिकार था। अब पचास किलोमीटर का अधिकार क्षेत्र हो जाने से बीएसएफ की शक्तियां बढ़ने से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल बढ़ जाएगा।
गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में कमी
गृह मंत्रालय के नए आदेश में गुजरात (Gujarat) में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कम किया गया है। बीएसएफ पहले यहां 80 किलोमीटर के दायरे में था लेकिन उसे पचास कर दिया गया है। जबकि राजस्थान (Rajasthan) में दायरा क्षेत्र पहले की तरह ही 50 किलोमीटर ही है।
पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में कम किया दायरा
पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय (Meghalaya), नागालैंड (Nagaland), मिजोरम (Mizoram), त्रिपुरा (Tripura) और मणिपुर (Manipur) के लिए यह दायरा 80 से घटाकर 20 किलोमीटर कर दिया गया है।
सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को
भारत-पाकिस्तान के बीच 3323 किलोमीटर तो भारत-बांग्लादेश के बीच 4096.7 किलोमीटर की सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को मिला हुआ है। इसके अलावा बीएसएफ के पास छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) और ओडिशा (Odisha) में मौजूद माओवाद पर भी नकेल कसने का जिम्मा है। बीएसएफ के अधिकार सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।