Amit Shah speech against No Confidence Motion in Lok sabha: लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दूसरे दिन प्रमुख नेताओं के बीच खूब जोरदार बहसबाजी हुई। दूसरे दिन के बहस की शुरूआत राहुल गांधी से हुई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर जवाब दिया। हरसिमरत कौर ने मोदी सरकार को लताड़ने के साथ ही कांग्रेस को भी 1984 के दंगों को लेकर खूब खरीखोटी सुनाई। शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखा। गुरुवार को पीएम मोदी अपना बयान सदन में देंगे।
अमित शाह का लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विपक्ष पर मणिपुर हिंसा पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर (Manipur Violence) पर चर्चा के लिए तैयार हूं। वो चर्चा नहीं चाहते हैं। उन्हें बस विरोध करना है। मेरी चर्चा से संतुष्ट नहीं होते तो पीएम भी बयान देने के लिए विचार करते।”
क्या समझते हैं कि हंगामा करके हमें चुप करा दोगे। मुझे चुप नहीं करा सकते। देश की जनता का समर्थन है। मणिपुर में जो हिंसक घटना हुई है, उसपर डिटेल में बात करूंगा। मैं विपक्ष से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है। इस तरह की घटना को कोई स्वीकार नहीं कर सकता। घटना शर्मनाक हुई है। मणिपुर में परिस्थितिजन्य हिंसा है। देश को बताना चाहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे सुबह 4 बजे और दूसरे दिन 6:30 बजे उठाया और ये कह रहे हैं कि मोदी जी ध्यान नहीं रख रहे हैं। तीन दिन तक लगातार हमने यहां से काम किया। 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की, 36 हजार जवान भेजे। चीफ सेक्रेटरी को बदल दिया गया। डीजीपी बदल दिया गया। सुरक्षा सलाहकार भेजे गए। भारत सरकार ने चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भेजे। तीन तारीख को हिंसा हुई औ चार तारीख को सबकुछ समाप्त हो गया। ये कहते हैं कि 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया। 356 तब लगाया जाता है जब हिंसा के समय राज्य सरकार मदद न करे। हमने जो बदले राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया। सीएम तब बदलना पड़ता है जो मदद न करे। सीएम मदद कर रहे हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान अमित शाह ने लोकसभा में कहा
प्रधानमंत्री विचार भी करते हैं, लेकिन…
अमित शाह ने कहा कि चर्चा को लेकर प्रधानमंत्री विचार भी करते हैं लेकिन जब गृह मंत्री को ही बोलने नहीं दोगे तो वो क्या करेंगे। आप चर्चा ही नहीं करना चाहते, सिर्फ आरोप लगाना चाहते हैं। हमारा अप्रोच ‘होता है’ का नहीं है। छह साल से मणिपुर में बीजेपी की सरकार है लेकिन वहां कर्फ्यू नहीं लगा।
शांति की अपील
गृह मंत्री ने कहा कि मैं मैतई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।