Arvind Kejriwal ED Summon: सीएम केजरीवाल से दिल्ली आबकारी नीति केस में होगी पूछताछ

Arvind Kejriwal summoned by ED: आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने समन भेजा है। दिल्ली आबकारी नीति केस में केजरीवाल को गुरुवार को तलब किया गया है। केजरीवाल को दूसरी बार केंद्रीय एजेंसी ने बुलाया है। इसके पहले 2 नवम्बर को केजरीवाल को समन किया गया था लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्तता की वजह से वह नहीं पहुंचे थे।

पांच राज्यों में विधानसभा के दौरान समन

बीते दिनों पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए। विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 2 नवम्बर को पूछताछ के लिए तलब किया था। लेकिन केजरीवाल ने ईडी को बताया कि मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। प्रचार में होने की वजह से वह नहीं आएंगे।

आप नेता ने ईडी को पत्र लिखकर कहा कि वह मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके। उस दिन उन्हें गिरफ्तार किए जाने की अटकलों के बीच केजरीवाल ने समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया था और इसे वापस लेने की मांग की थी। केजरीवाल ने ईडी को लिखे पत्र में यह कहा कि समन में यह साफ नहीं है कि उनको एक आम आदमी के रूप में या दिल्ली के सीएम के रूप में या आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में बुलाया गया है।

पहले भी केजरीवाल से हो चुकी है पूछताछ

दरअसल, आबकारी नीति केस में सीबीआई बीते अप्रैल महीने में अरविंद केजरीवाल से पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने एक गवाह के रूप में उनसे पूछताछ की थी। हालांकि, नौ घंटे की इस पूछताछ की केजरीवाल ने आलोचना करते हुए राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया था। केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने मुझसे 56 सवाल पूछे लेकिन सब कुछ फर्जी है। मुझे यकीन है कि उनके पास हमारे खिलाफ सबूत का एक टुकड़ा भी नहीं है।

क्या है दिल्ली आबकारी नीति केस?

दरअसल, कोरोना काल में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राज्य की शराब नीति में बदलाव किए थे। लेकिन बीजेपी ने आरोप लगाया कि शराब बिक्री नीति में बदलाव कर आम आदमी पार्टी की सरकार ने करोड़ों रुपये रिश्वत लिए थे और उसे गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया था। बीजेपी के आरोपों के बाद उप राज्यपाल ने इस मामले की जांच की मांग करते हुए सीबीआई को केस दिया।

सीबीआई ने इसमें एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो दोनों ने आरोप लगाया है कि नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों को लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने शराब बिक्री लाइसेंस के लिए रिश्वत का भुगतान किया।

हालांकि, दिल्ली के उप राज्यपाल द्वारा सीबीआई को मामला भेजने के दौरान ही आप सरकार ने नई शराब नीति को रद्द करके पुरानी नीति को ही लागू कर दिया था।

आप सरकार ने दावा किया कि नई नीति से दिल्ली के राजस्व में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और 8900 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

उधर, सीबीआई और ईडी ने इस मामले में जांच शुरू करने के बाद तमाम गिरफ्तारियां शुरू कर दी। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित तमाम आप नेता व बिजनेसमैन गिरफ्तार किए जा चुके हैं।