Odisha Train Accident की पहली रिपोर्ट सार्वजनिक लेकिन नहीं दिया 3 साल के हादसों का डिटेल

Balasore Train Accident: ओडिशा में बालेश्वर/बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट सिग्नल एरर की वजह से हुआ था। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को विनाशकारी ट्रेन एक्सीडेंट की रेलवे सुरक्षा आयुक्त रिपोर्ट को जारी करते हुए यह दावा किया है। बीते जून में ओडिशा के बालेश्वर में भीषण ट्रिपल ट्रेन हादसा में 293 लोगों की जान चली गई थी, इसमें कम से कम 1000 लोग घायल हो गए थे। पिछले दो दशक में हुआ यह सबसे भीषण हादसा था।

राज्यसभा सांसद के सवालों पर आई रिपोर्ट सामने

राज्यसभा में सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में सामने आई रिपोर्ट में नॉर्थ सिग्नल गुमटी स्टेशन पर सिग्नलिंग सर्किट परिवर्तन और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के रिप्लेसमेंट के लिए सिग्नलिंग कार्य के दौरान खामियों से यह हादसा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेनों के बीच टक्कर, नॉर्थ सिग्नल गूमटी (स्टेशन के) पर पिछले दिनों किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-चेंज में खामियों के कारण हुई थी। यह एरर, स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के रिप्लेसमेंट से संबंधित सिग्नलिंग वर्क के दौरान हुई थी। इन गलतियों की वजह से गलत लाइन के लिए ग्रीन सिग्नल दिख गया इससे ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। केंद्रीय रेल मंत्री ने जवाब में बताया कि यह इशू, रेलवे अधिकारियों की ओर से घोर चूक और लापरवाही को दर्शाते हैं।

अभी भी 41 यात्रियों की नहीं हुई पहचान

रेलवे की ओर से उपलब्ध विवरण के अनुसार, एक्सीडेंट में घायल हुए 41 अधिकारियों की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है।

सरकार ने नहीं दिया 3 साल में हुए ऐसे एक्सीडेंट्स का डिटेल

हालांकि, सरकार ने ओडिशा ट्रेन हादसा जैसी गलतियों से हुए पिछले तीन साल के रेल एक्सीडेंट के डेटा को नहीं उपलब्ध कराया है। सांसद डॉ.जॉन ब्रिटास ने जबकि इसके लिए अनुरोध किया था। इस पर सरकार ने केवल यह कहा कि विफलताएं हुई थीं लेकिन ऐसी कोई विफलता नहीं थी जिसके कारण बालासोर जैसी गंभीर घटना हुई हो।

सीबीआई कर रही है जांच

रेल हादसा की जांच सीबीआई को केंद्र सरकार ने सौंपा है। सीबीआई ने जुलाई के शुरूआत में रेलवे के तीन कर्मचारियों अरुण कुमार महंत, मोहम्मद अमीर खान और पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया था। इनपर गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगा है। सीबीआई की रिमांड अवधि 15 जुलाई को समाप्त होने के बाद आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की गई है। उधर, इस दुर्घटना के बाद लापरवाही में दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी को उनके पद से हटा दिया गया और अनिल कुमार मिश्रा को उनकी जगह पर नियुक्त किया गया है।

कांग्रेस ने कहा-रेलवे सुरक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर पर मोदी सरकार ने बजट में की कटौती

सीआरएस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस घटना के बाद सुधारात्मक उपायों से बालासोर त्रासदी को रोका जा सकता था। सीआरएस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे सुरक्षा के बुनियादी मुद्दों पर पूरी तरह से समझौता किया है। यह ह्यमन एरर, प्रबंधन और राजनीतिक नेतृत्व की विफलता को उजागर करती है।

Related Post