Basavaraj Bommai: एक इंजीनियर जिसने पिता से राजनीति की इंजीनियरिंग सीख मुख्यमंत्री तक का तय किया सफर

बेंगलुरू। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के बाद अब बसवराज एस.बोम्मई (Basavaraj S.Bommai) नए मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी (BJP) विधायक दल की बैठक में बोम्मई के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगी. बसवराज बोम्मई राज्य के 11वें मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई के पुत्र हैं।

पेश से मेकैनिकल इंजीनियर हैं बसवराज बोम्मई

62 वर्षीय बसवराज बोम्मई (Basavaraj S.Bommai) कर्नाटक के बड़े राजनीतिक परिवार से हैं। राजनीति उनको विरासत में मिली है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने कृषि और उद्योग के क्षेत्र में काम किया। राज्य की सिंचाई व्यवस्था को सुधारने में बसवराज बोम्मई का बड़ा योगदान रहा है। राज्य के हवेरी जिला में जल बचाने के लिए पूर्णरूप से पाइप से सिंचाई प्रोजेक्ट को लागू कराने का श्रेय बसवराज बोम्मई को ही जाता है। बसवराज बोम्मई ने अपने करियर की शुरूआत टाटा ग्रुप से की थी।

1998 में पहली बार बने थे एमएलसी

बसवराज बोम्मई (Basavaraj S.Bommai) की राजनीतिक शुरूआत जनता दल से हुई। जनता दल से वह पहली बार 1998 में कर्नाटक विधान परिषद के स्थानीय निकाय कोटे से सदस्य निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह 2004 में भी विधान परिषद में रहे।

फरवरी 2008 में वह जदयू को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले लिए। भारतीय जनता पार्टी से बसवराज 2008 का विधानसभा चुनाव शिगगांव से लड़े और विजयी हुई। विधानसभा में पहुंचने के बाद जल संसाधन मंत्री बनाए गए। 2019 में सहकारिता मंत्री बनें। येदियुरप्पा सरकार के इस कार्यकाल में वह कानून व संसदीय कार्य विभाग संभालने के बाद वर्तमान में गृह मंत्रालय संभाल रहे थे।

Ex Chief Minister S.R Bommai

पिता कर्नाटक के रह चुके हैं मुख्यमंत्री

उनके पिता एसआर बोम्मई (S.R. Bommai) राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। एसआर बोम्मई कर्नाटक के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं। खांटी समाजवादी एसआर बोम्मई राज्य के 11 वें मुख्यमंत्री होने के बाद वह 1990 में जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें। एसआर बोम्मई 1996 तक जनता दल के अध्यक्ष रहे।

बीजेपी (BJP) विधायक दल की बैठक में बोम्मई के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगी.

लिंगायत समाज से ही है नया मुख्यमंत्री

कर्नाटक में लिंगायत समाज का खासा राजनीतिक प्रभाव है। येदियुरप्पा भी लिंगायत समाज से ही आते हैं। राज्य में करीब 17 प्रतिशत लिंगायत आबादी है जोकि 1990 से ही भाजपा का समर्थक रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य की 224 सीटों में करीब 100 सीटों पर लिंगायत समाज समीकरण बनाने-बिगाड़ने की स्थिति में हैं। ऐसे में बीजेपी येदियुरप्पा की जगह पर लिंगायत समुदाय का ही नेता चुनी है। लिंगायत समुदाय से ही गृहमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj S.Bommai) आते हैं।

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