September 20, 2024
Bihar Diwas

दुनिया का पहला गणतंत्र यहां था, जानिए बिहार के बारे में ऐसी ही अनोखी बातें

बिहार दिवस विशेष: अनोखे राज्य का गौरवशाली इतिहास

1912 में आज ही के दिन बिहार बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होकर स्वतंत्र राज्य बना था। यह समृद्ध इतिहास से संपन्न एक अनूठा राज्य है। यह बौद्ध और जैन धर्म सहित प्रमुख धर्मों की जन्म स्थली है। माना यह जाता है कि बिहार शब्द की उत्पत्ति बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुई जिसे बाद में बिहार कर दिया गया। 99 हजार 200 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में विस्तृत बिहार उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड से घिरा हुआ है। गंगा नदी के तट पर स्थित वर्तमान बिहार की राजधानी पटना है।

बिहार ने ही हमें चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक, अजातशत्रु और बिम्बिसार जैसे शासक दिए। कवि कोकिल विद्यापति और भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्मस्थल बिहार ही था। मखानों और मधुबनी चित्रकारी के लिए विश्व में मशहूर बिहार में ही सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविन्द सिंह जी का भी जन्म हुआ था।

रामायण में एक महत्वपूर्ण स्थान

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम की पत्नी सीता बिहार की राजकुमारी थीं। वह विदेह (वर्तमान उत्तर-मध्य बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मधुबनी और दरभंगा) के राजा जनक की बेटी थी । किंवदंतियों के अनुसार, सीता का जन्मस्थान पुनाउरा है, जो सीतामढ़ी शहर के पश्चिम में स्थित है। हिंदू महाकाव्य ‘रामायण’ के लेखक महर्षि वाल्मीकि के बारे में भी कहा गया है कि वे पश्चिम चंपारण जिले के एक छोटे से शहर वाल्मीकिनगर में रहते थे।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार का योगदान

1857 में भारतीय विद्रोह का नेतृत्व बाबू कुंवर सिंह ने बिहार में किया। जब उन्होंने 1857 के विद्रोह में शामिल होने का फैसला लिया तब वह लगभग अस्सी साल के थे और उनका स्वास्थ्य भी कमजोर था। उन्होंने लगभग एक वर्ष तक एक अच्छी लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सेना को परेशान किया तथा अंत तक अजेय रहे। वे छापामार युद्ध की कला के विशेषज्ञ थे। उनकी रणनीति ने ब्रिटिशों को हैरान कर दिया था । महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से ही अपने सविनय-अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की थी। चंपारण से ही भारत की आजादी की आधारशिला रखी गई थी।

विश्व का पहला गणराज्य: वैशाली

ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर ईसा से लगभग छठी सदी पहले दुनिया का पहला ‘गणराज्य’ वैशाली ही था। वैशाली नगर वज्जी महाजनपद की राजधानी थी। यहां गणतंत्र की स्थापना लिच्छवियों ने की थी और यह क्षेत्र अपने गणतंत्रिक मूल्यों की वजह से प्रसिद्ध और शक्तिशाली था। आज लोकतांत्रिक देशों में जो अपर हाउस और लोअर हाउस की प्रणाली है, ये प्रणाली भी वैशाली गणराज्य में थी। वहां उस समय छोटी-छोटी समितियां थी, जो गणराज्य के अंतर्गत आने वाली जनता के लिए नियम और नीतियां बनातीं थी। इसको गणराज्य इसलिए बनाया गया था ताकि बाहरी आक्रमणकारियों से बचा जा सके। अगर कोई बाहर से आक्रमण करे तो गणराज्य को जनता का पूरा समर्थन हासिल हो।

बिहार के विषय में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

• बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2015-16 और 2020-21 के बीच 13.17% की सीएजीआर से बढ़ा।

• सब्जियों का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक और भारत में फलों का आठवां सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बिहार है।

इस प्रदेश में प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद में वृद्धि देखी गई है। मौजूदा कीमतों पर, 2015 और 2021 के बीच राज्य की प्रति व्यक्ति एनएसडीपी 13.41% (रुपये में) की सीएजीआर से बढ़ी।

• कृषि एवं उत्पादन क्षेत्र में कार्यरत लोग कुल जनसंख्या का लगभग 80% है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक है।

• 2019 में, Bihar आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या क्रमशः लगभग 11 लाख तक पहुंची।

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