बीरभूम हिंसा: टीएमसी नेता की हत्या के बाद आगजनी, 8 की मौत, राज्यपाल ने ममता सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Birbhum violence

कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने राज्य के बीरभूम जिले में हुई हिंसा (Birbhum Violence) की आज कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का ‘खत्म’ हो गया है और कानून का शासन खत्म हो गया है। अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य “हिंसा संस्कृति और अराजकता की चपेट” में है। उन्होंने कहा कि वह बीरभूम के रामपुरहाट में “भयावह बर्बरता” से आहत और परेशान हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता बहादुर शेख की हत्या के बाद भीड़ द्वारा कथित तौर पर घरों में आग लगाने के बाद आठ लोगों को जला दिया गया था। भीड़ ने बीती रात करीब 10-12 घरों में आग लगा दी थी और आज सुबह पुलिस ने जले हुए शव बरामद किए हैं।

अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में, उन्होंने इस घटना को “भयानक हिंसा और आगजनी का तांडव” कहा और कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से इस घटना पर तत्काल अपडेट मांगा है।

उन्होंने कहा, “यह राज्य में कानून और व्यवस्था की नाक में दम करने का संकेत है,” उन्होंने कहा और कहा कि राज्य को हिंसा और अराजकता की संस्कृति का पर्याय बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

टीएमसी नेता की हत्या के बाद बीरभूूम के एक गांव में आगजनी

तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की कथित हत्या के विरोध में पश्चिम बंगाल के बीरभूम के एक गांव में घरों में आग लगाने के बाद आज सुबह 8 लोगों के जले हुए शव मिले। पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय ने बताया कि इस मामले (Birbhum Violence) में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

मालवीय ने कहा, “आज सुबह एक ही घर से सात लोगों के शव निकाले गए। पहले दस लोगों की मौत की बात कही गई थी। पहले दिए गए मौत के आंकड़े सही नहीं थे। कुल आठ लोगों की मौत हुई है।”

पुलिस ने कहा कि तृणमूल नेता भादु शेख का शव मिलने के बाद सोमवार को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर क्षेत्र में केंद्रीय हस्तक्षेप और कथित “आतंक और तनाव” पर नियंत्रण का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सदन के पटल पर हुई हिंसा (Birbhum Violence) के संबंध में बयान देने की मांग को लेकर मंगलवार को दिन के पहले भाग के अंत में भाजपा के 22 विधायकों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा से बॉयकाट किया।

भाजपा विधायक शंकर घोष इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने अनुमति नहीं दी, जिन्होंने कहा कि यह प्रश्नों में सूचीबद्ध नहीं है।

विधानसभा में भी हुआ हंगामा

‘वंदे मातरम’ और ‘धिकार धिक्कर’ (निंदा) के नारे लगाते हुए श्री घोष और भगवा पार्टी के 40 सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। बाद में उन्होंने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से राज्य में राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं।

श्री घोष ने कहा कि पार्टी चाहती है कि मुख्यमंत्री राज्य में “बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफलता” के लिए इस्तीफा दें। भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा कि विधायक दल तय करेगा कि शेष दिन सदन से बाहर रहना है या नहीं।

टीएमसी प्रतिनिधिमंडल रामपुरहाट रवाना

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस का दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रामपुरहाट (Birbhum Violence) के लिए रवाना हो गया है।

डीजीपी ने कहा है कि रामपुरहाट के अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) और सर्कल इंस्पेक्टर (आईसी) को हटा दिया गया है और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

मामले की जांच के लिए अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सीआईडी ​​ज्ञानवंत सिंह, एडीजी पश्चिमी क्षेत्र संजय सिंह और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सीआईडी ​​(ऑपरेशन) मीराज खालिद को मिलाकर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।