Nuh Violence का आरोपी बिट्टू बजरंगी को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी

Bittu Bajrangi arrest: नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी को कोर्ट ने 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है। कथित तौर पर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े बिट्टू बजरंगी को बुधवार को नूंह पुलिस ने अरेस्ट किया था। कोर्ट ने उसे एक दिन के लिए पुलिस रिमांड दिया था। बिट्टू बजरंगी और उसके 15-20 साथियों पर नूंह हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।

नीमका जेल भेजा गया

पुलिस ने कहा कि महीने की शुरुआत में नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के सिलसिले में गिरफ्तार गोरक्षक बिट्टू बजरंगी को गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बजरंगी को गुरुवार को नूंह अदालत में पेश किया गया था। यहां कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में फरीदाबाद जिले की नीमका जेल भेज दिया।

आठ तलवारें बरामद

सहायक पुलिस अधीक्षक उषा कुंडू की शिकायत पर नूंह के सदर थाने में उसके खिलाफ एक नए एफआईआर के दर्ज होने के बाद बिट्टू बजरंगी उर्फ ​​राज कुमार को मंगलवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। नूंह पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि बजरंगी के कब्जे से आठ तलवारें बरामद की गईं।

एफआईआर के मुताबिक, सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पहचाने गए बजरंगी ने अपने कुछ अज्ञात समर्थकों के साथ कथित तौर पर एएसपी कुंडू के नेतृत्व वाली पुलिस टीम के साथ दुर्व्यवहार किया था और धमकी दी थी जब वे नलहर मंदिर तलवार और ‘त्रिशूल’ लेकर जा रहे थे।

क्या तहरीर दी एएसपी उषा कुंडू ने?

मैं नलहर मंदिर से 300 मीटर की दूरी पर अपनी टीम के साथ ड्यूटी पर थी। हमने देखा कि लगभग 20 लोगों की भीड़ तलवार और त्रिशूल लेकर नलहर मंदिर की ओर बढ़ रही थी। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरी टीम ने छीनाझपटी की और उनके हथियार जब्त कर लिए। जब भीड़ को रुकने के लिए कहा गया तो उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए, उनके साथ हाथापाई की और पुलिस वाहनों से उनके हथियार भी छीन लिए। हमने उनके हथियार अपने वाहनों में रखे थे, लेकिन वे आगे बढ़ गए और वाहनों के सामने बैठ गए। इसके तुरंत बाद उन्होंने हमारे आधिकारिक वाहन का पिछला गेट खोला और हथियारों के साथ भाग गए। बिट्टू और अन्य जिन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया था और हमें जान से मारने की धमकी दी थी, उनकी पहचान कर ली गई है।

एएसपी उषा कुंडू

बजरंगी को सांप्रदायिक झड़पों से जुड़े एक अन्य मामले में हिंसा के दो दिन बाद फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन जांच में शामिल होने के बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उस पर भड़काऊ भाषण देने और सार्वजनिक रूप से हथियार लहराने का आरोप था।

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