रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 150 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला, जो पार्टी को चंदा देने वाला एकमात्र ट्रस्ट था.
देश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2023-24 के दौरान 2,604.74 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को 281.38 करोड़ रुपये मिले. निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई दोनों दलों की चंदा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट में सूचीबद्ध चंदा लोकसभा चुनाव से पहले 31 मार्च, 2024 तक प्राप्त हुआ था. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 740 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिलने की घोषणा की थी जबकि कांग्रेस ने 2018-19 में 146 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा प्राप्त करने का दावा किया था.
इसके अनुसार 2023-24 के दौरान भाजपा को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 723 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला जबकि ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट से 127 करोड़ रुपये से अधिक और आइन्जीगार्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट से 17 लाख रुपये से अधिक का चंदा मिला.
रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 150 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला, जो पार्टी को चंदा देने वाला एकमात्र ट्रस्ट था.
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस को 1.38 लाख रुपये का ऐसा चंदा मिला, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, के सी वेणुगोपाल और दिग्विजय सिंह समेत अन्य शीर्ष नेताओं से प्राप्त चंदा भी शामिल हैं. ‘‘हमारे नेता को हैप्पी बर्थडे–जेकेबी” शीर्षक के अंतर्गत कांग्रेस को कई चंदे दिए गए.
भाजपा और कांग्रेस द्वारा घोषित चंदे में चुनावी बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त चंदा शामिल नहीं है, क्योंकि इन्हें पार्टी की वार्षिक लेखा रिपोर्ट में घोषित किया जाना होता है, न कि चंदा विवरण में. आम आदमी पार्टी (आप), जो एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है, को भी वित्तीय वर्ष के दौरान 11.06 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा प्राप्त हुआ. एक अन्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को 7.64 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा प्राप्त हुआ.
रिपोर्ट के अनुसार पूर्वोत्तर की एकमात्र मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 14.85 लाख रुपये से अधिक का चंदा मिला. वेदांता, भारती एयरटेल, मुथूट, जिंदल समूह और टीवीएस मोटर्स जैसे बड़े कॉर्पोरेट समूहों द्वारा खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का भी भाजपा प्रमुख लाभार्थी थी. पार्टी को ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ से कई चंदे के माध्यम से तीन करोड़ रुपये भी मिले.
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक सैंटियागो मार्टिन हैं, जिन्हें भारत का ‘लॉटरी किंग’ भी कहा जाता है. मार्टिन कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) विभाग की जांच के दायरे में हैं. फ्यूचर गेमिंग चुनावी बॉण्ड के माध्यम से सबसे बड़ा दानदाता था, जिसमें तृणमूल कांग्रेस सबसे बड़ी लाभार्थी थी.
रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़ रुपये, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को 503 करोड़ रुपये और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) को 154 करोड़ रुपये का चंदा दिया था.
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