नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि बिना जानकारी विदेशी आय से निपटने वाले काले धन कानून के तहत 14820 करोड़ रुपए का टैक्स लगाया गया है। सरकार ने कहा कि काला धन कानून के तहत 368 मामलों की जांच की है। जांच आकलन पूरा करने के बाद 14820 करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि एचएसबीसी में बिना जानकारी वाले विदेशी बैंक खातों (Black money in swiss banks) में जमा राशि से संबंधित मामलों में 8468 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय पर टैक्स लगाया गया है। इन पर 1294 करोड़ रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया है।
टैक्स और पेनाल्टी दोनों लगाया
केंद्रीय वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि 4164 करोड़ रुपये की अघोषित विदेशी संपत्ति से जुड़े 648 मामले सुलझाए गए हैं। इन मामलों में सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मात्र 3 महीने में खुलासे किए गए। सभी केस 30 सितंबर 2015 से लागू काले धन कानून के तहत दर्ज किए गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे मामलों में टैक्स और पेनाल्टी मिलाकर कुल राशि 2476 करोड़ रुपए है। वित्त मंत्री द्वारा 31 मई 2022 तक के लेटेस्ट आंकड़े सदन में पेश किए गए।
स्विस बैंकों की जमाराशि पता नहीं
भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों (Swiss banks) में जमा किए गए धन के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा स्विस बैंकों में जमा की गई राशि का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। हालांकि उन्होंने यह कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई राशि में इजाफा हुआ है। यह जितना 2020 में था 2021 में उससे ज्यादा हो गया। इन रिपोर्ट्स में यह क्लीयर नहीं किया गया है कि स्विस बैंकों में जो पैसा जमा है, वह सारा का सारा ब्लैक मनी ही है।
स्विस बैंक भी करता है इनकार
वित्त मंत्री ने कहा कि स्विस अधिकारियों ने सूचना दी है कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के वार्षिक बैंकिंग आंकड़ों का उपयोग भारत द्वारा स्विट्जरलैंड में जमा राशि का विश्लेषण करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि स्विट्जरलैंड में भारतीय निवासियों की जमा राशि का विश्लेषण करने के लिए अन्य डेटा स्रोत का उपयोग होना चाहिए। इसे स्थानीय बैंकिंग सांख्यिकी कहा जाता है। इसे एसएनबी बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के सहयोग से कलेक्ट किया जाता है। बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) के बैंकिंग आंकड़े बताते हैं कि 2021 में स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों द्वारा जमा राशि में 8.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है।