बिहार लोक सेवा आयोग नेताओं, कोचिंग संस्थानों से जुड़े कुछ लोगों सहित कई अन्य व्यक्तियों को नोटिस भेजे हैं. प्रशांत किशोर और खान सर ने नोटिस मिलने की पुष्टि की है.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शनिवार को कहा कि उसने उन नेताओं सहित कोचिंग संस्थानों से जुड़े कई व्यक्तियों को कानूनी नोटिस भेजा है, जिन्होंने 13 दिसंबर को राज्य भर में आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को लेकर उठे विवाद पर आयोग के खिलाफ ‘‘निराधार” आरोप लगाए हैं. बीएसपीसी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ‘‘आयोग ने नेताओं, कोचिंग संस्थानों से जुड़े कुछ लोगों सहित कई अन्य व्यक्तियों को नोटिस भेजे हैं… जिन्होंने बीपीएससी के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं… जल्द ही कुछ और नोटिस भेजे जाएंगे.”
परीक्षा नियंत्रक ने नोटिस भेजे जाने वालों के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन जन सुराज पार्टी के उपाध्यक्ष वाई वी गिरि ने पुष्टि की कि नोटिस प्राप्त करने वालों में पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी शामिल हैं.
परीक्षा रद्द करके इसे दोबारा आयोजित करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन करने के चलते तबीयत बिगड़ने के बाद किशोर फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं.
प्रशांत किशोर पर निराधार बयान देने का आरोप
बीपीएससी नोटिस में किशोर से कहा गया है कि वे सीसीई में गड़बड़ी के बारे में अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए सात दिनों के भीतर ‘‘ठोस और सत्यापन योग्य सबूतों का पूरा विवरण” प्रदान करें. नोटिस में किशोर पर मानहानिकारक और निराधार बयान देने का आरोप लगाया गया है.
नोटिस के अनुसार, किशोर ने हाल ही में साक्षात्कारों में आरोप लगाया कि ‘‘नौकरियां एक करोड़ रुपये से 1.5 करोड़ रुपये में बेची गईं” और दावा किया कि यह घोटाला ‘‘1,000 करोड़ रुपये से अधिक” का है.
मेरे भाषणों के लिए मिला नोटिस: खान सर
नोटिस पाने वालों में पटना में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देने वाले और यूट्यूबर खान सर भी शामिल हैं.
खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हां, मुझे विरोध कर रहे बीपीएससी उम्मीदवारों के समर्थन में मेरे भाषणों के लिए बीपीएससी से कानूनी नोटिस मिला है. मैं अपने वकीलों से परामर्श करने के बाद जल्द ही अपना जवाब भेजूंगा. लेकिन, एक बात मैं जरूर कहूंगा कि मैं छात्रों के हित के लिए लड़ता रहूंगा.”
उन्होंने कहा, ‘‘हम 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं से संबंधित मुद्दे पर पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं.”
पुलिस ने खान सर से जुड़े पटना स्थित एक कोचिंग संस्थान के खिलाफ भी बीपीएससी परीक्षा से संबंधित गलत सूचना फैलाने के आरोप में एक नयी प्राथमिकी दर्ज की है.
बीपीएससी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस संबंध में पटना स्थित कई अन्य व्यक्तियों और कोचिंग संस्थानों के मालिकों को नोटिस भेजे गए हैं.
पप्पू यादव ने बिहार बंद का आह्वान किया
इस बीच, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बीपीएससी की 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों के समर्थन में 12 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है.
कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने शनिवार को अपने समर्थकों के साथ गर्दनी बाग का दौरा किया, जहां बीपीएससी के अभ्यर्थी 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पिछले तीन सप्ताह से धरना दे रहे हैं. उन्होंने छात्रों के समर्थन में कुछ समय के लिए धरना स्थल पर मौन व्रत भी रखा.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने दिया धन्यवाद
वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रेसवार्ता की, जिसमें राजद नेता तेजस्वी यादव, सांसद पप्पू यादव और प्रशांत किशोर से लेकर सभी को उनके आंदोलन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.
छात्रों ने कहा, ‘‘आपसी असहमति के बावजूद, उन्होंने (नेताओं) हमारे आंदोलन का समर्थन किया. हालांकि, हम अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जिन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. अगर वह कहते हैं कि परीक्षा रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता है, तो हमें उसी के अनुसार रणनीति बनानी होगी.”
परीक्षा लीक का लगाया था आरोप
राज्यभर में 900 से अधिक केंद्रों पर लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. बापू परीक्षा केंद्र में 12,000 अभ्यर्थियों के लिए पुन: परीक्षा आयोजित की गई, जहां सैकड़ों परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए 13 दिसंबर की परीक्षा का बहिष्कार कर दिया.
बीपीएससी ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि परीक्षा रद्द करवाने के लिए ‘‘साजिश” रची गई है. बापू परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों के एक चुनिंदा समूह के लिए पुन:परीक्षा कराने के आयोग के फैसले पर अन्य अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि उन्हें ‘‘समान अवसर” से वंचित किया गया.
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