BRICS ही नहीं पूरे विश्व में बज रहा भारत का डंका, समझिए क्यों हो रही इस कूटनीति की तारीफ​

 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit In Russia) में भी भारत रिश्तों की नई परिभाषा लिख रहा है. पुतिन के साथ बातचीत और हंसी-ठहाके और तनावपूर्ण रिश्तों के बीच जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत इस ओर इशारा कर रही है.

रूस के कजान शहर में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (India In BRICS Summit) में भारत अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करवा रहा है. ब्रिक्स ही नहीं पूरे विश्व में भारत की कूटनीति का डंका बज रहा है. ब्रिक्स में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन और शी जिनपिंग समेत तमाम वैश्विक नेताओं से मुलाकात की और अपनी बात मुखरता से रखी. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से मुख्य निष्कर्ष यह निकलकर सामने आया कि वैश्विक स्तर पर भारत की भू-राजनीतिक स्थिति सर्वश्रेष्ठ है.

main takeaway from brics
summit: india holds best geopolitical position globally.

leadership role in global south
stabilizing relations with china
strong relations across g7 (exc canada)
friendly with russia, no backlash from west

no other major economy is close to being… pic.twitter.com/CANIyBCjaq

— ian bremmer (@ianbremmer) October 23, 2024

BRICS में भारत का किरदार

ग्लोबल साउथ में नेतृत्व की भूमिकाचीन के साथ रिश्तों को स्थिर करना जी7 में कनाडा को छोड़कर सभी के साथ मजबूत संबंधरूस के साथ दोस्ती, पश्चिम से कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं.

भारत के संबंध लगभग हर देश से दोस्ती भरे

भारत को छोड़कर विश्व की कोई भी दूसरी प्रमुख अर्थव्यवस्था हर देश के साथ इतने दोस्तीपू्र्ण संबंधों के करीब नहीं है. 
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत ग्लोबल साउथ में नेतृत्व की भूमिका में उभरा है. चीन के साथ रिश्तों को स्थिर करना भी इसमें शामिल है. पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पांच साल बाद टेबल पर बातचीत हुई. दोनों ही नेताओं ने आपसी रिश्तों को और बेहतर करने और शांति बहाली पर जोर दिया. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के तनावपूर्ण रिश्ते और बेहतर होंगे. 

भारत ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठा रहा

जून में इटली के अपुलिया में आयोजित हुए जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी शामिल हुए थे. इस दौरान भारत ने ग्लोबल साउथ के मुद्दों को मुखरता से उठाया. सभी देशों के साथ उसके संबंधों में और मजबूती देखी गई. हालांकि इसमें कनाडा शामिल नहीं है. कनाडा के साथ पिछले साल से ही भारत के रिश्ते तनावपूर्ण हैं. एक बार फिर से राजनयिक विवाद खड़ा हो गया है. 

भारत-रूस की दोस्ती का नया आयाम

रूस के साथ भारत के दोस्ताना संबंध किसी से छिपे नहीं हैं. पीएम मोदी पहले भी मॉस्को गए थे. इस दौरान पुतिन ने उनसे मुलाकात की थी. अब ब्रिक्स में एक बार फिर से भारत का डंका बज रहा है. राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच की दोस्ती और मजबूत बॉन्ड सभी देश देखते रह गए. पीएम मोदी और पुतिन ने न सिर्फ एक दूसरे से हाथ मिलाया बल्कि गले भी लगाया. इस दौरान अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों ने इसे देखा, लेकिन किसी ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी. भारत के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. 
 

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