नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) पद के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। मंगलवार को रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS appointment) के पद के लिए योग्य अधिकारियों के दायरे को विस्तृत करते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए। नए दिशानिर्देशों के अनुसार नौसेना और वायु सेना में सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष भी सीडीएस बन सकते हैं। यह अनिवार्य रूप से त्रि-सेवाओं के दूसरे सबसे बड़े सक्रिय रैंक के अधिकारियों के लिए अपने वरिष्ठों – सेना, वायु सेना, या नौसेना के प्रमुख – को भूमिका निभाने के लिए दरवाजे खोलता है।
एक और बदलाव से कईयों को मिलेगा मौका
सीडीएस पद के लिए योग्य लोगों का चयन हो सके (CDS appointment) इसके लिए एक और बदलाव किया गया है। पात्रता मानदंड में एक और बदलाव यह है कि हाल ही में सेवानिवृत्त सेवा प्रमुख और उप प्रमुख भी पद के लिए पात्र होंगे। लेकिन रिटायर प्रमुखों की 62 वर्ष की आयु सीमा होनी चाहिए।
भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत के निधन के बाद पोस्ट रिक्त
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत थे। बीते में दिसंबर में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी की मौत एक हेलीकॉप्टर क्रैश में हो गई थी। तमिलनाडु में हुए सैन्य हेलिकॉप्टर के दुर्घटना में एक दर्जन से अधिक सैन्य अधिकारी मारे गए थे। देश के पहले सीडीएस की मौत के बाद से किसी दूसरे सीडीएस की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। पहली बार सीडीएस का पोस्ट सृजित करने के बाद जो मानक बनाए गए थे, उस पर अधिकतर खरे नहीं उतर रहे थे। लेकिन अब रक्षा मंत्रालय ने उसमें संशोधन कर दिया है।
जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे और फिर उन्हें भारत के पहले सीडीएस के पद पर पदोन्नत किया गया था।
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