November 10, 2024
Terrorist Attack

Congress ने पूर्वोत्तर में BJP को घेरा, Manipur में ऐलान, सत्ता में आए तो खत्म होगा AFSPA

AFSPA के तहत, सशस्त्र बल केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर सकते हैं या मारने के लिए गोली मार सकते हैं। AFSPA नागालैंड, असम, मणिपुर (राजधानी इंफाल को छोड़कर) और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर में लागू है।

इंफाल। मणिपुर (Manipur) विधानसभा चुनाव (Assembly polls 2022) के पहले कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी को घेर दिया है। Congress ने ऐन चुनाव के पहले मास्टर स्ट्रोक चाल चली है जिसका समर्थन बीजेपी के समर्थित मुख्यमंत्री भी कर रहे हैं। कांग्रेस ने मणिपुर के लोगों से वादा किया है कि 2022 के विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने पर पूरे राज्य से AFSPA को तत्काल और पूर्ण रूप से हटा देंगे। पार्टी ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह (N.Biren Singh), जो बीजेपी (BJP) के हैं, से भी आग्रह किया है कि यहां के लोगों की भलाई के लिए वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi) पर दबाव बनाएं कि यह विवादित कानून खत्म हो।

मणिपुर कैबिनेट प्रस्ताव लाए

मणिपुर कांग्रेस ने कहा, “… कांग्रेस मणिपुर के मुख्यमंत्री और सरकार से संसद के इस शीतकालीन सत्र में अफ्सपा (AFSPA) को खत्म करने के लिए पीएम मोदी और भारत सरकार (GoI) से मांग करती है, और राज्य से अधिनियम को तत्काल हटाने के लिए मणिपुर कैबिनेट प्रस्ताव पास करे।

कांग्रेस ने कहा उसने हटा दिया था AFSPA

Congress ने भाजपा को यह भी याद दिलाया कि AFSPA को सात विधानसभा क्षेत्रों (राज्य की राजधानी इंफाल सहित) से तब हटा दिया गया था जब वह सत्ता में थी।

सत्ता में आए तो पूरे राज्य से हटाएंगे कानून

पार्टी ने घोषणा की है कि कांग्रेस के शासन ने सात विधानसभा क्षेत्रों से अफस्पा को हटा दिया था। अगर कांग्रेस 2022 में सत्ता में वापस आती है, तो पहली कैबिनेट बैठक में पूरे राज्य से अफस्पा को तत्काल और पूर्ण रूप से हटाने का फैसला किया जाएगा।

नागालैंड की घटना के बाद सुर्खियों में है AFSPA

विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, या AFSPA, जो “अशांत क्षेत्रों” में सैन्य कर्मियों को व्यापक अधिकार देता है। हालांकि, पिछले सप्ताह नागालैंड (Nagaland) में 14 निर्दोष नागरिकों की भीषण हत्या के बाद से जांच के दायरे में आ गया है। मोन जिले में एक असफल सेना अभियान के बाद 14 में से छह लोग मारे गए। सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय लोगों के बीच जवाबी संघर्ष में सात नागरिक और एक सिपाही की मौत हो गई थी। इस आपरेशन में शामिल सैनिकों पर नागालैंड पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है।

हर ओर हो रही है इस हत्याकांड की निंदा

इन हत्याओं की व्यापक रूप से निंदा की गई है और नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो (CM Neiphiu Rio) और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड संगमा (Conrad Sangama) सहित कई लोगों ने कहा है कि अफ्सपा को समाप्त किया जाना चाहिए। हत्याओं के बाद श्री रियो ने कहा कि इस कठोर कानून को जाने की जरूरत है… स्थिति से निपटने के लिए कानून हैं… लेकिन यह कानून हमारे देश की छवि को खराब कर रहा है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी महत्वपूर्ण थी क्योंकि उनकी एनडीपीपी भाजपा की सहयोगी है; यह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है।

नागालैंड सरकार भी कर रही कानून खत्म करने की मांग

नागालैंड सरकार ने कहा है कि वह केंद्र को पत्र लिखकर अफ्सपा को खत्म करने की मांग करेगी। भाजपा के एक अन्य सहयोगी कोनराड संगमा ने भी कानून खत्म करने की मांग पर सहमति जताई है।

गृहमंत्री ने पत्ते नहीं खोले अभी

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस सप्ताह संसद से कहा कि केंद्र ने 14 निर्दोष भारतीयों की हत्या पर “खेद” किया, लेकिन यह नहीं कहा कि क्या इस मामले में कानून वास्तव में लागू किया जाएगा।

इन राज्यों में लागू है कानून

AFSPA के तहत, सशस्त्र बल केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर सकते हैं या मारने के लिए गोली मार सकते हैं। AFSPA नागालैंड, असम, मणिपुर (राजधानी इंफाल को छोड़कर) और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर में लागू है। हालांकि, त्रिपुरा और मेघालय के कुछ हिस्सों को सूची से बाहर कर दिया गया।

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