Cyclone Biparjoy Updates: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) 6 दिन बाद दिशा बदलकर अब खतरनाक हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अब यह पश्चिम-उत्तर दिशा की तरफ बढ़ रहा है। इसका असर राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में दिखना शुरू हो गया है। तूफान को ‘बिपरजॉय’ नाम बांग्लादेश ने दिया है। इसका मतलब ‘विपत्ति’ या ‘आपदा’ होता है।
मौसम विभाग ने बताया कि इसके 15 जून तक गुजरात पहुंचने के आसार हैं। सौराष्ट्र, कच्छ समेत 10 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। उधर, इसकी वजह से राजस्थान के कई इलाकों में 16 जून तक आंधी-बारिश होने की आशंका भी है। ज्यादा असर जोधपुर और उदयपुर जिलों में देखा जा सकता है।
बिपरजॉय की वजह से सोमवार को ठाणे, रायगढ़, मुंबई और पालघर में 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भारी बारिश होने की आशंका है। रविवार देर रात तेज हवाएं चलने की वजह से मुंबई एयरपोर्ट पर ऑपरेशन प्रभावित हुआ।
एयरपोर्ट के 9/27 रनवे को कुछ समय के लिए बंद कर दिया। कई फ्लाइट रद्द की गईं। कुछ को दूसरी जगह डायवर्ट किया गया। सैंकड़ों यात्री परेशान देखे गए। हालांकि, अब तक यह सामने नहीं आई है कि कितनी फ्लाइट्स पर असर हुआ।
15 जून काे कच्छ-कराची के बीच तट से टकराएगा बिपरजॉय
IMD के मुताबिक, इसके 15 जून तक गुजरात के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच तट पर पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक भी जा सकती हैं। वहीं, कराची पोर्ट ने रेड अलर्ट जारी किया है।
- तूफान के चलते गुजरात में अगले चार दिन तक आंधी चलेगी। सबसे ज्यादा असर सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में होगा।
- मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून को गुजरात के दोपहद में चक्रवात के टकराने की संभावना है। इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। ऐसे में पेड़ों के टूटने, उखड़ने के साथ बिजली और टेलीफोन लाइनों के खंभों का नुकसान पहुंचने की संभावना है। गुजरात के तमाम बीच को भी एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है।
- वलसाड में सर्तकता के तौर पर मरीन कमांडो की तैनाती गई है। इतना ही नहीं प्रदेश में सत्ताधारी BJP ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नौ वर्ष पर आयोजित होने वाली सभाओं को रद्द कर दिया है। पार्टी ने 15 जून तक की सभाएं रद्द की हैं।
असर 10 दिनों तक रह सकता
बिपरजॉय तूफान अरब सागर से 6 दिन पहले उठा था। इसका असर 10 दिनों तक रह सकता है। यह हाल के दिनों में अब तक का सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान है। IIT मद्रास की स्टडी के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव में अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान लगातार और गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले चार दशकों में अरब सागर में साइक्लोन के ड्यूरेशन में 80% की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि बहुत गंभीर चक्रवातों की समय-सीमा में 260% का इजाफा देखा गया।
समुद्र के ऊपर एक चक्रवाती तूफान जितने अधिक समय तक रहता है, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा और नमी जमा होने की संभावना होती है। जिससे तूफान के और अधिक खतरनाक होने और जमीन से टकराने के बाद नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है।
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