सात बार के अजेय सांसद जिसका शव फंदे से लटकता मिला

Dadar Nagar Haveli MP Mohan Delkar found dead in Hotel

मुंबई। दादरा एवं नगर हवेली (Dadra and Nagar haveli) के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर (MP Mohan Delkar) का शव सोमवार को मुंबई के एक होटल से बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की है। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया है जो गुजराती में है। मोहन डेलकर सात बार से सांसद रहे हैं।

मुम्बई काम से गए थे सांसद

मोहन डेलकर (Mohan Delkar) मुंबई में अपने किसी काम के सिलसिले में गए हुए थे, जहां वे मुंबई के मरीन ड्राइव क्षेत्र में स्थित एक होटल ‘सी ग्रीन व्यू’ की पांचवी मंजिल के एक कमरे में ठहरे हुए थे। इसी दौरान उनकी सुसाइड की खबर उनके एक समर्थक ने दी। सूचना मिलते ही मुंबई पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को वहां से गुजराती में लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला है।

मोहन डेलकर लोकप्रिय सांसद रहे

दादरा एवं नगर हवेली (Dadra and Nagar haveli) और दमन-दीव (Daman-Diu) दोनों मिलकर एक केंद्र शासित प्रदेश हैं। यहीं से मोहन डेलकर (Mohan Delkar) दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद हैं। उनके पिता संजीभाई डेलकर भी कांग्रेस से दादरा और नगर हवेली के सांसद रहे हैं। बिता चुनाव वह निर्दलीय ही जीते थे।

साल 1989 में मोहन डेलकर (MP Mohan Delkar) पहली बार इसी संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। उसके बाद वे कुल 7 बार यहां से सांसद बने हैं। मोहन डेलकर ने अपनी खुद की पार्टी की भी स्थापना की थी, जिसका नाम उन्होंने ‘भारतीय नवशक्ति पार्टी’ रखा था। इस पार्टी से भी वे सांसद बने थे। साल 2009 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। लेकिन किन्हीं कारणों से कांग्रेस छोड़ दी और 2019 के चुनाव में वो निर्दलीय मैदान में उतरे और जीते।

पिता से विरासत में मिली थी सीट

मोहन डेलकर का जन्म दादरा और नगर हवेली के सिलवासा में 19 दिसंबर, 1962 के दिन हुआ था।
18 मार्च 1989 में उनकी शादी कलाबेन डेलकर के साथ हुई। उनके के बेटा और एक बेटी भी है। मोहन डेलकर ने स्नातक तक की पढ़ाई की है। अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में वे साल 1986 से लेकर 1989 तक यूथ कांग्रेस की दादरा एवं नगर हवेली यूनिट के जनरल सेक्रेटरी और फिर अध्यक्ष भी रहे।

1989 में वे (Mohan Delkar) पहली बार लोकसभा चुनाव लड़कर दादर और नगर हवेली से सांसद बने। 1991 में वे दसवीं लोकसभा के लिए एक बार फिर सांसद चुने गए। 1996 में 11 वीं लोकसभा के लिए वे तीसरी बार सांसद चुने गए। 1998 में हुए 12वीं लोकसभा चुनावों में भी वे विजयी हुए। 1999 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव हुए। इस बार भी वे दादरा एवं नगर हवेली से विजयी हुए। साल 2004 में भी वे लोकसभा चुनाव जीते। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में वे सातवीं बार सांसद बने।

आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ा

मोहन डेलकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे हैं। वे साल 1985 से आदिवासी विकास संगठन के अध्यक्ष रहे। वे मजदूर अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया।