दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार भी एक्शन में है और इस पर नियमित रूप से काम कर रही है. वहीं दिल्लीवासियों के लिए हवा दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है
दिल्ली एनसीआर की हवा में प्रदूषण रूपी जहर का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. इस वजह से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ आदी समस्याएं आती हैं. दिल्ली के आसपास के हिस्से में पराली जलने के कारण आने वाले दिनों में यह दिक्कत और भी अधिक बढ़ सकती है. ऐसे में दिल्ली और एनसीआर के हिस्सों में प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार भी एक्शन में है और इस पर नियमित रूप से काम कर रही है. वहीं दिल्लीवासियों के लिए हवा दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है और इस वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी है.
बता दें कि रविवार सुबह आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 454 दर्ज किया गया. आया नगर में एक्यूआई 208, द्वारका में एक्यूआई 316, आईटीओ में एक्यूआई 235 और मुंडका में एक्यूआई 341 दर्ज किया गया.
36 प्रतिशत परिवार प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से पीड़ित – सर्वे
दिल्ली-एनसीआर में खराब होती वायु गुणवत्ता के बीच एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि 36 प्रतिशत परिवारों में एक या एक से अधिक सदस्य प्रदूषण से संबंधित बीमारियों जैसे गले में खराश, खांसी और सांस लेने में समस्या से पीड़ित हैं. डिजिटल प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के निवासियों की 21,000 से अधिक प्रतिक्रियाओं के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों पर वायु प्रदूषण के प्रभावों का खुलासा किया गया है.
सर्वे के निष्कर्ष बताते हैं कि 36 प्रतिशत परिवारों में एक या अधिक सदस्यों को प्रदूषण के कारण गले में खराश, खांसी और सांस लेने में समस्या है, तथा 27 प्रतिशत परिवारों में एक या अधिक सदस्यों को नाक बहने और नाक बंद होने की परेशानी है. सर्वेक्षण के अनुसार, 27 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण उन्हें किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या नहीं है.
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